
अभिषेक मिश्रा
चकिया, बलिया (उत्तरप्रदेश)
********************
“अब पुरुषों का दर्द भी सुना जाएगा!”
भारत की धरा पर घिरा अंधकार,
पुरुषों पर टूटा अन्याय का भार।
कभी झूठे इल्ज़ाम, कभी मौत का डर,
दबा दिया जाता है हर एक स्वर रोज।
“अब चुप्पी नहीं, अधिकार चाहिए!”
महिलाओं को सम्मान जरूरी सही,
पर पुरुषों की व्यथा भी सुननी चाहिए।
झूठ के जाल में न फँसाओ उन्हें,
हर बेकसूर को अब बचाना चाहिए।
“पुरुष भी इंसान हैं, पत्थर नहीं!”
दिल उनका भी धड़कता है यारों,
दर्द उनके भी गहरे हैं प्यालों।
डर-डर कर जीना कैसा इंसाफ?
इंसानियत पर उठने लगे हैं सवाल।
“झूठी चीखों का अंत करो!”
गलत आरोपों का खेल बंद करो,
नारी का सम्मान हैं अनमोल सही।
पर सत्य और न्याय की भी अलख जलाओ,
हर दिल को बराबरी का हक दिलाओ!
“समाज जागे, बराबरी लाए!”
अब वक्त है न्याय का बिगुल बजाने का,
हर आहत मन को अपनाने का।
पुरुषों को भी चाहिए सहारा,
सम्मान से जीने का प्यारा नारा।
“दर्द भी है, हक भी है!”
हर दिन बुझती आँखों में,
सपनों का एक मूक शोक है।
हर झूठे इल्ज़ाम तले,
एक सच्चा दिल रोता है।
“इंसाफ चाहिए, रहम नहीं!”
महिला शक्ति का हम करते सम्मान,
पर झूठ का खेल न सहे हिंदुस्तान।
सम्मान दो, अन्याय नहीं,
सच को मत कुचलो कहीं।
“समान अधिकार, सच्चा न्याय!”
कभी पिता, कभी भाई का बोझ,
हर दर्द को सीने से लगाया रोज।
अब झूठी तलवारें तोड़नी होंगी,
सच्चाई के दीप जलाने होंगे।
“न्याय की रौशनी से हर दिल महकेगा!”
झूठी शिकायतों की आंधी थमेगी,
सच्चे दिलों की गूँज उठेगी।
कदम कदम पर सच का दीप जलेगा,
अब हर पुरुष भी सम्मान से चलेगा।
“सम्मान सभी को-यही अभियान!”
अब न रुकेगा ये नया सवेरा,
हर पुरुष का अधिकार बनेगा बसेरा।
सम्मान सभी को मिलना चाहिए,
यही है सशक्त भारत का नारा!
निवासी : ग्राम-चकिया, तहसील- बैरिया, जिला-बलिया (उत्तरप्रदेश)
शिक्षा : एमकॉम
लेखन विद्या : कविता, मौलिक रचना एवं मोटिवेशनल कोट्स।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरा यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻