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हनुमत ऐसा भाव बहा दो
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हनुमत ऐसा भाव बहा दो

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** हनुमत ऐसा भाव बहा दो, जिससे सुंदर गीत बन सकें। पूर्ण समर्पित हो मन तुमको, और भक्ति रसधार बह सके। हनुमत ऐसा भाव ... तुमने जिस पर कृपा दृष्टि की, उसका ही उद्धार हो गया। जिसको स्वामी से मिलवाया, वो ही भव से पार हो गया। मुझको मार्ग दिखाते रहना, जिससे सेवक धर्म निभ सके। हनुमत ऐसा भाव ... तुमने प्रभु राम से अपने, राजा की संधी करवाई। अभय दान दिलवा राजा को, बाली को मुक्ति दिलवाई। राम काज को भूला राजा, नीति बताई, प्राण बच सके। हनुमत ऐसा भाव ... तेरे संत हृदय ने दंभी, रावण को सद्ज्ञान था दिया। पर निज अहंकार के कारण, उसने इसका मान ना किया। रावण ने कुल नाश कराया, प्रभु हाथों से मुक्ति मिल सके। हनुमत ऐसा भाव ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रम...
श्रीराम
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श्रीराम

संजय वर्मा "दॄष्टि" मनावर (धार) ******************** श्रीराम ही शक्ति के दाता दर्शन मात्र से सारे सुख पाता। जब ध्यान लगाएं हरदम तुझमें पुनीत विचार सब समाए मुझमे। श्री राम की छवि बड़ी निराली कण-कण में समाई खुशहाली। सारा जग होता तुझसे ही रोशन प्राणी पाते धन धान्य और पोषण। सांस-सांस में है बसा नाम तुम्हारा श्रीराम ही तो है बस मेरा सहारा। हे श्रीराम सारा जग तो है तुम्हारा जग में तुम बिन कोई नही है हमारा। पूजन करो और बोलो जय श्री राम दुःख दूर होगा मिलेगा सुख आराम। परिचय : संजय वर्मा "दॄष्टि" पिता : श्री शांतीलालजी वर्मा जन्म तिथि : २ मई १९६२ (उज्जैन) शिक्षा : आय टी आय निवासी : मनावर, धार (मध्य प्रदेश) व्यवसाय : ड़ी एम (जल संसाधन विभाग) प्रकाशन : देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प...
नवमी तिथि मधुमास पुनीता
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नवमी तिथि मधुमास पुनीता

डॉ. किरन अवस्थी मिनियापोलिसम (अमेरिका) ******************** राम जन्मदिन शुभ अवसर है जनगण मन उत्सव सा प्लावित है राम हैं भारत कीआत्मा नर रूप धरा आये परमात्मा ये भारत के प्राणपुरुष हैं राम हैं मर्यादा, हाथ धनुष है। जब घायल हो भारत माता क्षत विक्षत हो मर्यादा भारत की अस्मत पानी होती और धर्म की हानि होती धरणी तब आवाहन करती मनुष्य रूप आयें तब धरती भारत धरती करे पुकार राम रूप आये अवतार राम पे कोई न चक्र चले प्रत्यंचा पर जब तीर चढ़े संकेत राम का है आना युद्ध न्याय का जीता जाना। रामलला की छवि हर मन है राम बसे जन जन के हिय हैं राम धरे धनुसायक हैं राम हमारे नायक हैं आस्था, मन, अंतःकरण पर्याय राम भारत के जीवन राम बिना नहि कुछ स्वीकार राम हैं प्राणों के उद्धार भक्त तुम्हारे तुम्हरे द्वार तुम्हें नमन है बारंबार तुम्हें नमन है बारंबार।। परिचय :- डॉ. किरन अवस...
अयोध्या
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अयोध्या

संजय वर्मा "दॄष्टि" मनावर (धार) ******************** नगरी हो अयोध्या सी जहाँ राम का वास हो घण्टियों, शंखों का जहाँ सुमधुर ध्वनियों का नाद हो मेरे राम सदा ह्रदय बसे बस इतना सा मीठा ख्वाब हो। ध्वज सदा लहराए कीर्तन एक साथ हो मंगल आरती गाए संग राम का विश्वास हो नगरी हो अयोध्या सी जहां राम का वास हो। फूलों से सुशोभित मंदिर को दर्शन जावे मंत्रमुग्ध हो ध्यान लगावे मांगे और कई है आशा रामजी करेंगे पूरी अभिलाषा नगरी हो अयोध्या सी जहां राम का वास हो। परिचय : संजय वर्मा "दॄष्टि" पिता : श्री शांतीलालजी वर्मा जन्म तिथि : २ मई १९६२ (उज्जैन) शिक्षा : आय टी आय निवासी : मनावर, धार (मध्य प्रदेश) व्यवसाय : ड़ी एम (जल संसाधन विभाग) प्रकाशन : देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति "दरवा...
राम नाम महिमा
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राम नाम महिमा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** राम का नाम मुक्ति का साधन सरल, शक्ति दो नाम लेखन बढ़ाता चलूं। ऐसी गंगा बहा दो हृदय में प्रभु, आखिरी सांस तक नाम सुमिरन करूं। राम का नाम मुक्ति.......... नाम महिमा अकल्पित, असीमित है प्रभु, ज्ञान अनुरूप महिमा को गाता रहूं। भाव मां दे रही, शक्ति हनुमत ने दी, मैं तो बस लेखिनी को चलाता रहूं। राम का नाम मुक्ति........... बहुत संतो ने महिमा सुनाई सदा, पर नहीं कोई संपूर्ण को गा सका। नाम पर शोधकर लोग डॉक्टर बने, पर नहीं कोई भी अंत को पा सका। मुझको हनुमतकृपा राम सेवा मिली, सांस जब तक चले, मैं निभाता रहूं। राम का नाम मुक्ति........ सोते जगते सदा, साथ में नाम हो, कार्य जग के करूं, मन में बस राम हो। नाम के जाम इतने पिला दो हनु, जिसको देखूं उसी में मेरा राम हो। मेरी सांसों में बस नाम चलने लगे, राम ही...
मेरे श्री रामलला
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मेरे श्री रामलला

प्रतिभा दुबे "आशी" ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ******************** चैत्र नवमी से पहले ही पौष मास में आ गया नव वर्ष कुछ यूं हमारा राम नाम की भक्ति बिना नहीं हम भक्तों का गुजारा।। मर्यादा में रहकर जीती, श्री राम ने अपनी पारी सत्य सनातन की जीत हुई है, अब सब भक्त बजावे ताली।। मेरे श्री राम अयोध्या धाम विराजे राम लला, सिया, लक्ष्मण हनुमान संग पधारे अयोध्या जगमग हुई है, रोशन जैसे दिवाली भारत सारा मिल कर यह उत्सव मनावे।। श्री राम जन्म भूमि पर, भक्त जन फूल पसारे राह देख रहे थे जैसे मिल इस अवसर का सारे, निमंत्रण तो नाम हैं बस इस तीरथ का ये कार्य यह निमंत्रण सबका है ये सारे भारत वासी जाने।। परिचय :-  श्रीमती प्रतिभा दुबे "आशी" (स्वतंत्र लेखिका) निवासी : ग्वालियर (मध्य प्रदेश) उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मे...
राम नाम की ज्योति
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राम नाम की ज्योति

प्रतिभा दुबे "आशी" ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ******************** राम नाम की सहर्ष इस ज्योति को हृदय में जगाए रखना तुम ! आंगन को अपने सुंदर पुष्पों से मधुबन सा सजाए रखना तुम।। मर्यादा में रहकर सम्मान मिला हैं मेरे श्री राघव को ! प्राण प्रतिष्ठा फिर से होगी घर अयोध्या बनाएं रखना तुम।। राम लला के रूप में देखो राघव फिर से विराजेंगे, अयोध्या नगरी पावन होगी वे जन-जन के बीच पधारेंगे।। धन्य धन्य है वह मनुज बहुत जो अयोध्या में ही जन्म लिए, राम नाम के छांव में रहकर निर्धन भी जैसे धन्य धनवान हुए।। कई वर्षो तक संघर्ष चला है अपने ही अस्तित्व के लिए, राम नाम जिसने न जाना वह पापी अब दूर हुए।। देखो पुण्य प्रताप बहुत है राम नाम के जाप में सत्य सनातन जीत हुई है कलयुग के भी इस राज में।। धन्य धन्य वह कार सेवक है, जिन्होंने जान की बाजी लगा दी थी! भगवा पह...
देवाधिदेव
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देवाधिदेव

मीना भट्ट "सिद्धार्थ" जबलपुर (मध्य प्रदेश) ******************** देवाधिदेव भोलेशंकर, परमेश्वर गंगाधारी। शिव-शंकर का अनुपम दर्शन, मानव हित मंगलकारी।। रवि विरन्चि हो धर्म सनातन, सत्यनिष्ठ हो कैलाशी। सात्विक पावन सुभग सौम्य प्रभु,घट-घट बसते अविनाशी।। गौरा संग बिराजें शंभू , प्रभु जग सारा बलिहारी। वैद्यनाथ नागेश्वर भोले, केदारनाथ अभिनंदन। सोमनाथ भीमाशंकर हो, त्र्यंबकेश्वर शंभु वंदन।। त्रिकालदर्शी कपाल भैरव, शशिशेखर भभूति धारी। ओंकारेश्वर घृष्णेश्वर हो, रामेश्वर प्रभु त्रिलोचनम्। मल्लिकार्जुन महाकाल शिवा, विश्वनाथ नीलकंठकम्।। बर्फानी औघड़दानी हो, भस्म मण्डितम बलिहारी।। भाँग धतूरे का भोग लगे, चंदन कर्पूर प्रभु सुहाते। दूग्ध रूद्राक्ष अक्षत अकवन, जल बिल्बपत्र नित भाते।। ताप मिटा बाघम्बरधारी, हे खण्डपरशु हितकारी। गाते महिमा पुराण सारे, दर्शन की प...
शिवायन
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शिवायन

विजय गुप्ता "मुन्ना" दुर्ग (छत्तीसगढ़) ******************** शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर, देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन। ब्रम्हांड में शून्य स्थान नहीं कभी रहता, दिव्य चेतना से परिपूर्ण हर कोना ज्ञान भंडार चमन। ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी। अनंत चेतना है शाश्वत शिव प्रथम गुरु, स्वयं-भू शिव के दो नेत्र सूर्य चंद्र तीसरा विवेक नयन। भूत वर्तमान भविष्य स्वर्ग मृत्यु पाताल, त्रिलोक स्वामी भोले भक्ति में दास भक्त करते जतन। शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर, देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन। ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी। देवी सती स्मृति वश देह पर भस्म रमाते, शिव आभूषण भस्म के भस्मी तिलक में भक्त भजन। नागराज वासुकी बने सागर मंथन रस्सी, नागसर्प माला भी गहना शिव शंकर को भाए गहन। शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,...
श्री राम
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श्री राम

मीना भट्ट "सिद्धार्थ" जबलपुर (मध्य प्रदेश) ******************** प्रभु राम का आभार है, हो सृष्टि पालन हार। निष्ठा रखें हैं न्याय में, प्रभु धर्म के आधार।। करुणा हृदय बसती प्रभो, करते तिमिर का नाश। रघुकुल शिरोमणि राम हैं, वो तोड़ दें यम पाश।। संबल हमें देते प्रभो, रामा गुणों की खान। मैं हूँ पुजारिन राम की, रघुवर मुझे पहचान।। रघुनाथ तेरी दास मैं, दे दो जरा उपहार। टूटे नहीं विश्वास है, रघुवर रखो अब ध्यान। नारी अहिल्या तारते, करते सदा सम्मान।। देते सुखों की छाँव है, रघुवर प्रभो वरदान। पावन धरा की राम ने, करते सभी गुणगान।। नायक जगत के आप हैं, कर स्वप्न भी साकार।। वंदन करे नित आपका, आकर प्रभो अब थाम। चरणों पड़े तेरे सदा, दातार प्यारे राम।। शबरी कहे रघुवर सुनो, पहुँचा जरा अब धाम। आशीष दो स्वामी मुझे, जपती रहूँ नित नाम।। छाया मिले सुख की हमें, उत्तम मिले संस्कार।।...
हे द्वारिकाधीश, तुम आ जाओ
भजन, स्तुति

हे द्वारिकाधीश, तुम आ जाओ

डॉ. किरन अवस्थी मिनियापोलिसम (अमेरिका) ******************** कहां छुपे हो कान्हा तुम कहां सुदर्शन चक्र तुम्हारा कहां तुम्हारी गीता है क्यों चुप पांचजन्य तुम्हारा। क्यों इतने दुर्योधन पलते हैं क्यों शिशुपाल दिनों दिन सीमा पार किया करते हैं सख्यभाव है कहां तुम्हारा। न्याय दिलाने पांडव को तुम बने सारथी, गीता गाई आज पुकारे भारतमाता मन क्रंदन, अंखियां भर आईं। द्रोपदियों का नित चीरहरण कैसे यह तुम सहते हो छत्तिस टुकड़े हो जाएं क्यों न न्याय दिलाते हैं। कबतक मन को थीरज दें हे कान्हा तुम आ जाओ फिर से गीता आन रचो हर भारतवासी के मन आन बसो। सबके मन को स्वछ बनाओ पुनः जीवन का अर्थ बताओ सबको धुन बंसी की सिखाओ हे कान्हा, तुम आ जाओ हे द्वारिकाधीश, तुम आ जाओ। (बंसीधुन=प्रेमधुन) परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर निवासी : सिलिकॉन सिट...
हे राम, हे राम
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हे राम, हे राम

डॉ. किरन अवस्थी मिनियापोलिसम (अमेरिका) ******************** हे राम, हे राम तुम्हें नमन है बारम्बार, बारंबार दाशरथि बन विष्णु आए, सकल लोक में मंगल छाए राम बिना नहि उद्धार, नहि उद्धार तुम्हें नमन है बारंबार, बारम्बार।। तुम्हें नमन है बारंबार, परम पिता परमेश्वर नाम जातुधान से मुक्त कराया, धरनी हित ´पुरुषोत्तम ´राम राम करेंगे बेड़ा पार, बेड़ा पार तुम्हें नमन है बारंबार, बारंबार।। राम न केवल तुम अवतार, तुम अवतार अवतरण तुम्हारा है ´दर्शन, हर पहलू का विश्लेषण तुम्हीं जगत के पालनहार, पालनहार तुम्हें नमन है बारंबार, तुम्हें नमन है बारंबार।। परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश) वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका) शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, पी.एच.डी. भाषाविज्ञान सर्टिफ...
भक्तिमयी नवरात्रि
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भक्तिमयी नवरात्रि

ललित शर्मा खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम) ******************** सिंह पर सवार होकर जब नवदुर्गा, शरदऋतु में भक्तों के घर है आती भक्तों के हर घर आंगन में खुशियां खूब महक आती शारदीय दुर्गोत्सव की बेला सुहावनी भक्तिमय मधुरिम आनंदित अंतरिम सुखमय मङ्गलमयदायक प्रेरणादायक जीवनगीत संगीत है सुनाती भक्तों में चाव, भक्ति का मां चढ़ाती सजधज कर मां, नवरात्रि पर आती आसन पर बैठ देवी मां, भक्तों में उत्साह उमंग फुर्ती भक्ति शक्ति की कृपादृष्टि मां दुर्गा बरसाती भक्ति की धूम मां के भक्तों में मां दुर्गा मचाती भक्ति भाव की शक्ति से भक्तिधरा की खिलखिलाहट भक्तों में नजर आती अलबेली भक्ति अन्तर्मन में भक्तवृन्द के मुखारविंद से मां की भक्ति खूब नवरात्रि पर है बिखरती नजर चारो और आती नवरात्रि पर देवी माँ दुर्गा का भक्तिभाव से होता जगराता भक्तों के ह्रदय में। मां दुर्गा की भ...
मां कालरात्रि
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मां कालरात्रि

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** माता तेरा रूप निराला, कहीं शांत कहीं आग की ज्वाला। कहीं अंबे कहीं काली माता, कही खड़ग कही खप्पर ज्वाला। सौम्य रूप तुझमें हम पाते, महिषासुर मर्दिनी है तु काली। शिव के ऊँपर चढ़कर तू भागी, चंडी रूप ले रक्तबीज संहारे। नर मुंड की माला धारे, असंख्य रूप में शुंभ निशुंभ संहारे। हाथों में तलवार खड्ग मां, विद्युत की है गले में माला। चक्र त्रिशूल वज्र तुम्ह धारे, चंडी रूप से शिव भी भागे। भक्तो की हे मां यही पुकार, कलयुग में मां तुम्ही पधारे, असंख्य राक्षस आतताई माता। कन्या का अति शोषण करते, कन्या असुरक्षित है यहां माता। आज खड़क ले आओ मां, निशाचरो को मिटाओ मां। दुष्टों का वध कर जाओ मां। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन...
चंदन पटली की चौकी पर
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चंदन पटली की चौकी पर

अंजनी कुमार चतुर्वेदी निवाड़ी (मध्य प्रदेश) ******************** शारदेय नवरात्रि आ गई, अब पांडाल सजे हैं। घर-घर बंदनवार शोभते, औ रण तूर्य बजे हैं। माता रानी आज आ रहीं, घर-घर बजे बधाई। हुआ आगमन शुभ्र शरदका, आज शुभ घड़ी आई। नवराते माता रानी के, मिलकर सभी मनाते। वंदनवार फूल मालायें, चुन-चुन पुष्प बनाते। चंदन पटली की चौकी पर, माता आज बिराजें। सुंदर कलश सजे हैं प्यारे, मृदु धुन बाजे बाजें। मंगल गीत गूँजते चहुँ दिश, लगा रहे जयकारा। सजा हुआ माता रानी का, है पंडाल न्यारा। भक्त मंडली भजन गा रही, चौकी है माता की। बनी रहे सारे भक्तों पर, कृपा आज दाता की। पूजा की थाली लेकर अब, भक्त मंडली जाती। लाल चुनरिया ओढ़ शीश पर, भजन प्रेमसे गाती। रक्त पुष्प सँग लाल चुनरिया, माता को भाती है। भक्त मंडली माँ दुर्गा से, आशीषें पाती है। माता की चौकी अति प्यारी, माँ को मोहित करती। मानव के जी...
आया है नवरात्रि का त्योहार
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आया है नवरात्रि का त्योहार

सोनल मंजू श्री ओमर राजकोट (गुजरात) ******************** आया है नवरात्रि का त्योहार। नवरात्रि में माँ का सजेगा दरबार। गली-गली गूँजेंगे भजन कीर्तन, माँ अंबे की होगी जय जय कार।। आयी है होकर शेरों पर सवार। माता ने किये है सोलह श्रृंगार। लगे सौम्य सुंदर मुखड़ा माँ का, दिखता आँखों में असीम प्यार।। माँ ने करने को भक्तों का उद्धार। नवरात्रि में लिये थे नौ अवतार। पाप जब बढ़ गया था दुष्टों का, किया था माँ ने असुरों का संहार।। मेरा हृदय है मइया आपका द्वार। आपकी कृपा से होगा बेड़ा पार। सुख, समृद्ध, स्वस्थ हो प्रियजन, सुनो इतनी अरज करो उपकार।। जगदम्बे अब फिर से लो अवतार। या भर दो बेटियों में शक्ति अपार। डाले जो कोई उनपर गन्दी नजर, चंडी बनके कर दे दुष्टों का संहार।। परिचय - सोनल मंजू श्री ओमर निवासी : राजकोट (गुजरात) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुर...
कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ
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कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** कई-कई भेद बताऊ, सांवरिया थारो कई कई भेद बताऊ।। मामा जेल में जनम लियो हैं, यशोमती गोद खेलायो। कन्हैया थारो कई-कई भेद बताऊ।। द्रोपदी को तुने चीर बढायो, साडी़ मै लिपटायो कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। मीरा ने जब जहर पियो हे, विष को अमृत बनायो , कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। यमुनाजी मै नाग को नाथ्यो फण फण निरत करायो, कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। गोवर्धन को तुने नख पर धार्यौ, ब्रज मण्डल को बचायो, गिरिधारी थारो कई-कई भेद बताऊ।। सखा सुदामा को गले से लगाया, प्रेम का भाव जगाया, साँवरिया थारो कई-कई भेद बताऊ।। म्हारे अंगना में कान्हा तुम हो पधारो, गुटवन गुटवन काना चलकर आओ, लाला भाव दर्शाओ । कन्हैया थारो कई-कई भेद बताऊ।। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्...
जय हो श्री बालाजी
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जय हो श्री बालाजी

संजय वर्मा "दॄष्टि" मनावर (धार) ******************** श्री बालाजी मेरे और मैं श्री बालाजी के संग सहारे जा रहे नाचते गाते सभी भक्त दर्शन को बिना विचारे सबके मनमोहक और सजे-धजे धाम के राज दुलारे श्री बालाजी मेरे और मैं सदैव श्री बालाजी के संग सहारे। सनातन धर्म की जय हो हिंदू राष्ट्र के भक्त पुकारे समस्याओं का समाधान चमत्कार से दरबार मे निखारे दूर दराज से पग-पग आकर नमन करें भक्त तुम्हारे श्री बालाजी मेरे और मैं सदैव श्री बालाजी के संग सहारे। अर्जी और मंत्र जाप के जरिये हो जाते हर काम हमारे कलयुग में कैसा चमत्कार काम हो रहे श्री बालाजी सहारे लगावे दिया करके याद नित्य पाठ करें और आरती उतारे श्री बालाजी मेरे और मैं सदैव श्री बालाजी के संग सहारे। परिचय :- संजय वर्मा "दॄष्टि" पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा जन्म तिथि :- २ मई १९६२ (उज्जैन) शिक्षा :- आय टी...
आत्मशुद्धि कराता दसलक्षण ब्रत
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आत्मशुद्धि कराता दसलक्षण ब्रत

ललित शर्मा खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम) ******************** आत्मशुद्धि की पवित्रता का आता हर वर्ष दशलक्षण पर्व दस सोलह बत्तीस दिन भक्तिभजन सत्संग ध्यान में एकाग्रता में लीन कराता दशलक्षण व्रत पर्व तनमन से व्रत का पालन अन्नत्याग कर आंतरिकता से आध्यत्मिक भक्ति में आत्मशुद्धि की शक्ति खूब लाता अन्तर्मन के रग रग में दसलक्षण पर्व भाद्र पद का पवित्र महीना आराधना, उपासना और बन जाता साधना का आत्मशुद्धि की शरण में सिखलाता जीवन जीना सबजन को सिखलाता कितना है नियम कठिन बतलाता दसलक्षण पर्व अनर्गल आपाधापी त्यागकर अपनेआप को करता एकांत रहना है भक्तिभजन नियम में नियम धर्म की संगत में खुद हो जाता शांत ब्रत उपवास पालन करता मनाता दसलक्षण पर्व छोड़कर मोहमाया काया को देता आराम त्यागकर अंधाधुंध भागदौड़ ब्रत करता अन्तर्मन से ईश्वर से आत्मशक्ति की विनती करता कहता सफल...
मां अंजनी के लाल
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मां अंजनी के लाल

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** मां अंजनी के लाल है, पवन पुत्र हनुमान है, राम जी के दास है, रुद्र काअवतार है। तेजपुंज हनुमान है, महावीर बलवान है। राम काज में सदा है तत्पर, ऐसे संकट मोचन हनुमान है। बाल्यकाल में सूर्य को निगले, पृथ्वी पर हाहाकार है, सौ योजन समुंद्र को लागे, पवन पुत्र हनुमान है। लंका दहन किया है तुमने, मां सीता का पता लगाया है। राम की मुद्रिका सीता को दिनी, चूड़ामणि राम को लाए विश्वास के तुम सागर हैं। द्रोणागिरी पर्वत को लाए, बूटी घोट पिलाई है। लक्ष्मण के तो प्राण बचाए, ऐसे रक्षक बलशाली है। रावण जिससे डरा हमेशा, ऐसे मर्कट हनुमंत लाल है। राक्षसों का नाश कर आये, राम सिया का मिलन कराया, रामचरण अनुराग है। ह्रदय में सीताराम है, राम जी के दास है। आज्ञाकारी सेवक देखो, मां अंजनी का लाल है। परिचय :...
यदुवंशम : प्रभु श्रीकृष्ण
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यदुवंशम : प्रभु श्रीकृष्ण

अशोक कुमार यादव मुंगेली (छत्तीसगढ़) ******************** स्वर्ग से उतर आए भगवान विष्णु, माँ देवकी के गर्भ से लेने अवतार। युगपुरुष कृष्ण बनकर जन्म लिया, अत्याचारी कंस का करने संहार।। बालपन में राक्षसों का वध किया, वृंदावन में सखा संग गाय चराये। बजाकर मनमोहक सुरीली बाँसुरी, गोपियों को अपने संग में नचाये।। चौंसठ कलाओं के सर्वश्रेष्ठ ज्ञाता, द्वापरयुग के आदर्श देव दार्शनिक। निष्काम कर्मयोगी और स्थितप्रज्ञ, महान् विश्व गुरु प्रभु द्वारकाधीश।। विराट रूप तीन लोक, चौदह भुवन, कुरुक्षेत्र में अर्जुन को किया प्रेरित। त्रिकर्म, जीवन, सुख-दुःख के चक्र, गीता ज्ञान के गंगा करके प्रवाहित।। यादव वंश के शिरोमणि, कुलभूषण, युगों-युगों तक भारत में यदुवंशी राज। आपको जन्मदिन की बधाई हो कान्हा, हम पर कृपा बना कर देना आशीर्वाद।। परिचय : अशोक कुमार यादव निवासी : मुंगेली, (छत्तीसगढ़) ...
केदारनाथ से विनती
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केदारनाथ से विनती

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मुझे अपने दर पर बुलालो ओ बाबा, दरस को तेरे प्राण अटके हुए है। है माया ने घेरा, तुम्हारी है माया, उसी में है भटके और लटके हुए हैं। मुझे अपने दर... जिन्हें किया प्रेरित, वे पहुंचे तेरे दर, मगर मैं अभागा, पहुंच ही न पाया। दुबारा गए तेरे दर, भक्त काफी, मगर घोर बारिस, ने वापस भगाया। पसीजोगे एक दिन, तड़प पर मेरी तुम, इसी आस डोरी से लटके हुये हैं। मुझे अपने दर... तेरे ग्यारह लिंगों के, दर्शन गए हो, हुए ज्यों ही दर्शन, तो मन शांति पाया। लगा हूँ ,कई वर्षो से पंक्ति तेरी, मगर तुमने मेरे संदेशा, न पाया। किया काठमांडू, में तेरा शिवार्चन, उन्हें भी बताया, कि भटके हुए हैं। मुझे अपने दर... ७८ बरस होगये, मेरे पूरे, बुला लो जन्मदिन, तेरे दर मनाऊं। परम भाग्य जागेगा, मेरा उसी दिन, जिस दिन बाबा तेरे, मैं दर्...
हम प्रभु जी की कठपुतली हैं
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हम प्रभु जी की कठपुतली हैं

अंजनी कुमार चतुर्वेदी निवाड़ी (मध्य प्रदेश) ******************** सबके जीवन के रक्षक हैं, कान्हा मुरली वाले। सदा बदलते धवल ज्योति में, जीवन के दिन काले। बीच भँवर में डोल रही है, हम भक्तों की नैया। तुम ही मेरे जीवन रक्षक, तुम ही नाव खिवैया। जीवन डोर हाथ है प्रभु के, प्रभु जी सदा बचाते। हम प्रभु जी की कठपुतली हैं, प्रभु जी हमें नचाते। भक्तों की जीवन नैया को, खेते स्वयं विधाता। भक्तों की रक्षा करने को, खुद रक्षक बन जाता। गज अरु ग्राह लड़े जल भीतर, अंत समय गज हारा। गज की रक्षा करने के हित, श्रीहरि बने सहारा। बन जाते हरि सबके रक्षक, करते सदा सुरक्षा। अपने भक्तों के जीवन की, हर पल करते रक्षा। रक्षक बनकर लखन लाल ने, चौदह बरस बिताए। मार दशानन, सिया सहित प्रभु, लौट अवधपुर आए। रक्षक बने, विभीषण के प्रभु, अपना दास बनाया। आया शरण विभीषण प्रभु की,...
मेरी कल्पना से
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मेरी कल्पना से

संजय कुमार नेमा भोपाल (मध्य प्रदेश) ******************** मेरी कल्पना से, प्रभु तुम्हारी, छवि बनाता रहूं। प्रभात वंदना में तुम्हारे दर्शनों को करता रहूं। सुमिरन कर चिंताओं को, प्रभु चरणों में रखता। प्रभु भक्ति में तुम्हारी नित, नई छवि बनाता। कल्पनाओं में डूबा, नए-नए विचारों को रखता। भक्ति से अपनी अरज को लगाता। तेरी कल्पनाओं में प्रभु दर्शन को पाता। कभी छलिया तो भोले भंडारी कहता। इसी बहाने कल्पनाओं में प्रभु दर्शन करता। प्रभु दर्शन में नित नित सुंदर छवि बनाता। मांगू यही, मेरी कल्पनाओं में दर्शन देते रहना। प्रभु कृपा बनाए रखना। दिल मैं छवि बनाए रखना। परिचय :- संजय कुमार नेमा निवासी : भोपाल (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्...
प्रेम दिवानी
भजन

प्रेम दिवानी

डोमेन्द्र नेताम (डोमू) डौण्डीलोहारा बालोद (छत्तीसगढ़) ******************** ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन। वो प्रभु गुन गाती रही, हो के मगन।। बंधन है प्रभु से रिश्तों के दिल से हम निभाएगे। प्यार, स्नेह, दुलार से पावन रिश्ते को सजाएंगे।। प्रभु के प्रति है, अटूट स्नेह प्रेम। मीरा की है अटूट विश्वास, नही है कोई क्लेम।। दीया और बाती हम पवित्र है जिनका बंधन। ऐसी मेरी प्रभु के साथ बंधा रहे बंधन।। तहे दिल से करते है हम सादर वंदन प्रणाम। स्वीकार कीजिएगा प्रभुजी हमारा प्रणाम।। पुष्प गुच्छ और तिलक चंदन स्वागत और वंदन। प्रभुजी मेरी हृदय में आपका है हार्दिक अभिनंदन।। हम साथ-साथ है तो साथ निभाना प्रभु जी मेरी। प्रेम प्यार विश्वास को मत छोड़ना हे कृष्ण मुरारी।। हर शाम किसी के लिए सुहानी नही होती। हर चाहत के पिछे कोई कहानी नही होती।। कुछ तो बात...