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नव बीज

सौ. निशा बुधे झा “निशामन”
जयपुर (राजस्थान)
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नदी जो बहकर आई!
पवन बरखा संग लाई!
उपवन, नव अम्बर नीला,
कल-कल, झर-झर,
शेष सहस्त्रधारा,
कुसुम लता पल्वित,

सुमन सागर, न्यारा प्यारी,
चंचल नैन निहारे, धरा
विस्तार करे, जल धारा,
यौवन नित, नव जीवन सारा।
वंदन अभिलाषा प्राकृतिक सौन्दर्य,
नव कोपल करे “स्वर्णिम” दृश्य
भविष्य प्यारी नायरा।।

परिचय :- सौ. निशा बुधे झा “निशामन”
पति : श्री अमन झा
पिता : श्री मधुकर दी बुधे
जन्म स्थान : इंदौर
जन्म तिथि : १३ मार्च १९७७
निवासी : जयपुर (राजस्थान)
शिक्षा : बी. ए. इंदौर/बी. जे. मास कम्यूनिकेशन, भोपाल
व्यवसाय : एनलाइन सेलर असेंबली /फ़िलिप कार्ड /अन्य
प्रकाशित पुस्तक : स्वयं की मराठी संकलन लघुकथा (मधुआशा 2024) एवं विभिन्न पटल पर पुरस्कार एवं समाचारपत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित स्वरचित कविता/कहानी इत्यादी।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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