Thursday, December 4राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

अयोध्या चले

रतन खंगारोत
कलवार रोड झोटवाड़ा (राजस्थान)
********************

आज तो है अलौकिक दिवस,
हर तरफ खुशी के दीप जले।
मेरे राम, सिया को संग लेकर,
आज अयोध्या धाम चले।।

सरयू की लहरों की रागिनी,
संगीत मधुर सुना रही है।
अयोध्या की पावन धरा से,
महक मेरे श्री राम की आ रही है।।

प्रफुल्लित हुआ हर जीव मन,
मगन होकर नाच रहे हैं मोर।
कोयल की मधुर वाणी सुन,
खिल उठा अयोध्या चहुँओर।।

कैसा अदभुत मिलन है यह,
एक परिवार बनी पूरी नगरी।
प्रेम के फूलों से खिला
राजा दशरथ का घर,
और महक गई
पूरी अयोध्या नगरी।।

धन्य-धन्य हो राजा दशरथ,
जो प्रभु ने अंगना मे जन्म लिया।
बड़ा पुण्य कमाया होगा माँ कौशल्या ने,
जो पालनहार ने ही रिश्तों को मान दिया।।

परिचय : रतन खंगारोत
निवासी : कलवार रोड झोटवाड़ा (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

2 Comments

  • P khangarot

    बहोत ही प्यारे और अद्भुत तरीके से आपने अपनी भावनाओ को प्रस्तुत किया है।

  • सौरभ डोरवाल

    बहुत सुंदर रचना | मैं आपकी सभी रचनाये पढता हु, बहुत अच्छा लिखती है आप |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *