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बरगद का पेड़

रतन खंगारोत
कलवार रोड झोटवाड़ा (राजस्थान)
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वो पुराना बरगद का पेड़,
सैंकडों वर्षों से खड़ा है अटल।
आंधी-तूफानो से लड़ता,
पर जरा भी हुआ नहीं विरल।।

गाँव के मुखिया सा है इसका वर्चस्व,
चौपाल पर खड़ा है सीना तान के।
सबके सुख दुःख की कहानी सुनता,
पर न्याय करता है सब जान के।।

भरी दुपहरी जेठ की या हो सावन मास,
पशु-पक्षी हो या हो बुढे-जवान।
अपनी तलहटी में पनाह देता है सबको,
ये पुराना बरगद का पेड़ कितना महान।।

हजारों कहानियों का गवाह है ये,
समाई है इसमें हमारी विरासत।
राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा है इसको,
यही है हमारे संस्कारों की वसीयत।।

परिचय : रतन खंगारोत
निवासी : कलवार रोड झोटवाड़ा (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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