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जय गंगान

खुमान सिंह भाट
रमतरा, बालोद, (छत्तीसगढ़)
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(छत्तीसगढ़ी – बसदेवा गीत)

मोर अन्नपूर्णा महतारी ये
घर म नरवा घुरवा अऊ बारी हे
ईहे हमर चिन्हारी हे
जय गंगान…

सेवा जेन तोर करें किसान
अऊ तैय बनाय ओला सुजान
छत्तीसगढ़ के मै करव बखान
बिना गुरु नई पावय ज्ञान
जय गंगान…

भारत माता के गोड़ के
पहिरे छाटी अव
अऊ ईहे के धुर्रा माटी हव
लईका मन के खेले
गुल्ली-भंवरा बांटी अव
जय गंगान…

चंदखुरी छत्तीसगढ़
के बढाथे मान
कौशल्या माता
जनम भूमि ये हर आय
प्रभु राम इहां के भांचा कहाय
जय गंगान…

धन्य हे राजिम दाई मोर
‘भाट’ हाथ जोड़ करें बिनय ये तोर
माघ पुन्नी परब म मेला भराय
साधु संत नहाय बर आय
सब मनखे मन दुःख बिसराय
छत्तीसगढ़ प्रयागराज तैय ह कहाय
जय गंगान…

छत्तीसगढ़ के मै करव बखान
मिरजूर के रईथे लईका अऊ सियान
मुड़ म पागा बांधे किसान
अर्रे भटके ल पहुना जान
मनखे मनखे एक समान
जय गंगान…

परिचय :- खुमान सिंह भाट
पिता : श्री पुनित राम भाट
निवासी : ग्राम- रमतरा, जिला- बालोद, (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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