पुरानी बातें पुरानी यादें…!
शैलेष कुमार कुचया
कटनी (मध्य प्रदेश)
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भूल जाऊँ उसे कैसे
याद हर पल आती है,
मोहब्बत की है
सब कुछ भूल कर उससे।।
याद है वो दिन
पहली मुलाकात का,
मिले थे जब
दो अजनबी बरसात में।।
भूल गए वो गालियाँ
जहाँ आना जाना हुआ,
मिलते है कभी तो
कोसते है वो हमें हम उन्हें।।
घूमना फिरना उनके साथ
अब यादे उनके साथ,
जब से हुए जुदा
सिर्फ नाम है याद।।
कुछ याद आता है
पुराना ख्वाब तो,
पी लेते है।
भूलने की खातिर
उन्हें फिर याद कर लेते है।।
पुरानी बातें पुरानी यादों
में अब कोई दम नही,
नया हमसफर नई राह
में जब से चले हम।।
बीत गया वो कल
जो हमने देखा था,
जो साथ मिला नया
हम कोहिनूर हो गए।।
परिचय :- शैलेष कुमार कुचया
मूलनिवासी : कटनी (म,प्र)
वर्तमान निवास : अम्बाह (मुरैना)
प्रकाशन : मेरी रचनाएँ गहोई दर्पण ई पेपर ग्वालियर से प्रकाशित हो चुकी है...

























