बेटा-बेटी दोनों समान
प्रीतम कुमार साहू
लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़)
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खुदा ने तो इंसान बनाया
इसमें न तुम मतभेद करो
बेटा बेटी है दोनों समान
इसमें न तुम भेद करो
जीस राह पे रख सकते हैं
बेटा अपनी पहली कदम
उसी राह पर रख सकते हैं
बेटियां भी दमदार कदम
बेटियां है संतान खुदा की
कमजोर क्यों समझते हो
बेटों को तुम आजादी देते
बेटियों का हक़ छिनते हो
आये ना कुछ काम बेटियां
यह सोच अब बदलना है
मैदान ए जंग में बेटियां भी
बेटों के संग अब लडता है
संघर्ष के हर पथ पर देखो
बेटों ने कई जख्म खाएं हैं
इतिहास गवाह देता है देखो
बेटियां भी तलवार उठाए है
परिचय :- प्रीतम कुमार साहू (शिक्षक)
निवासी : ग्राम-लिमतरा, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़)।
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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