रचे रचनात्मक जिंदगी
ललित शर्मा
खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
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सोचना समझना फिर करना
जिंदगी का सबसे अहम काम,
फुर्सत कभी मिलती ही नहीं,
मिलता नहीं पलभर आराम ।।
जिंदगी पहिये सी, घूम रही है
शिकायत कभी करती ही नहीं,
मौन भी रहती है हरदम जिंदगी
सीख भी बेजोड़ देती जिंदगी ।।
कहती है खुद पे खुद ये जिंदगी
करो रोज, रचो रचनात्मक काम,
समाज जाति देशहित के काम
मौन क्यों, रचो रचनात्मक काम ।।
प्रगतिशील गतिविधियों से लड़े
जिंदगी प्रगति पथ पर खुद बढ़े
मुसीबतो का जंजाल सताएगा
सोचना समझना, काम आएगा ।।
जिंदगी की है भारी भागदौड़
चुनो समाधान के नए नए मोड़
समाधान की तलाशते रहे
धैर्य संयम रखो हरदम सांस
मिलेंगे सरल स्रोत, मिलेगी राहें ।।
परिचय :- ललित शर्मा
निवासी : खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
संप्रति : वरिष्ठ पत्रकार व लेखक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्ष...