लगे जिगर में गोली है
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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वोट बैंक के खाते से बस,
खेलें नेता होली है।
अवसरवादी राजनीति में,
रोज़ पदों की डोली है।।
धुत्त नशे में अब नेता हैं,
कालिख मुख गद्दारी की।
हुड़दंगी दल बदलू नाचें,
हद होती मक्कारी की।।
ढोल -मजीरे स्वयं बजाती,
बड़ी प्रजा यह भोली है।
घर-घर राजदुलारे जाते,
भूल गये सब मर्यादा।
दीप-तले ख़ुद अँधियारा है,
कुचल गया चलता प्यादा।।
फिरती झाड़ू उम्मीदों पर,
लगे जिगर में गोली है।
दल्लों की भरमार हुई है,
आप जान लो सच्चाई ।
पिचकारी ई डी की चलती,
रँगें जेल की अँगनाई।।
मुखिया आँख बँधीं पट्टी है,
शैतानों की टोली है।
परिचय :- मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत्र वधू : डॉ. प्रीति...