शरद पूर्णिमा
प्रतिभा दुबे "आशी"
ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
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श्री राधा कृष्ण
महारास रचावे
बृंदावन में!
गोपियों संग
खेले नाच नाचवे
बृंदावन में!
माता अमृत,
महाखीर बनावे
वृंदावन में!
भोग लगा के,
अन्नपूर्णा ख़िलावे
वृन्दावन में!
पूजा उत्सव
खूब मैया को भावे
वृंदावन में!
शरद ऋतु,
चंदा चकोरी भावे,
बृंदावन में!
करत लीला,
श्याम राधा संग
बृंदावन में!
खेले चंद्रमा
चंचल किरणों से,
वृंदावन में।।
परिचय :- श्रीमती प्रतिभा दुबे "आशी" (स्वतंत्र लेखिका)
निवासी : ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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