सत के लिए ही लड़ना
प्रमेशदीप मानिकपुरी
भोथीडीह, धमतरी (छतीसगढ़)
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मन को ही मार करके
तन को खुवार करके
जीवन में आगे बढ़ना
सत के लिए ही लड़ना
धर्म की ध्वज के लिए
खुद को अर्पित करना
असत्य से कभी डरना
सत के लिए ही लड़ना
मानव में समभाव जगे
सदाचरण का भाव जगे
लोकहित काज करना
सत के लिए ही लड़ना
शक्ति व साधना संग मे
जगत के बिखरे रंग मे
उम्मीद से आगे बढ़ना
सत के लिए ही लड़ना
उदवेलित मन में आश
जीवन में दिव्य प्रकाश
धर्म को नहीं है छलना
सत के लिए ही लड़ना
एक आश एक विश्वास
जग में सब कुछ खास
उस पर विश्वास करना
सत के लिए ही लड़ना
परिचय :- प्रमेशदीप मानिकपुरी
पिता : श्री लीलूदास मानिकपुरी
जन्म : २५/११/१९७८
निवासी : आमाचानी पोस्ट- भोथीडीह जिला- धमतरी (छतीसगढ़)
संप्रति : शिक्षक
शिक्षा : बी.एस.सी.(बायो),एम ए अंग्रेजी, डी.एल.एड. कम्प्यूटर में पी.जी.डिप्लोमा
रूचि : काव्य लेखन, आ...