बंधन
रेखा दवे "विशाखा"
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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बंधन तो बंधन होते है।
संबंधों का वंदन है।
माँ का मान बढाती है।
उस वीर वधू का वंदन है।
संस्कारों कि पहनकर माला,
जोड़ा दो परिवारों को।
अपने स्नेह से सिंचित कर,
सुरभित किया घर आँगन को।
मेहंदी हाथों में सजी है,
नयन स्वप्न लीन है।
स्वयं को श्रंगारित करती,
वीर की प्रतीक्षारत रहती।
वीर वधू का वंदन है।
उस वीर वधू का वंदन है।
माँ का मान बढाती है।
उस वीर वधू का वंदन है।
परिचय :- श्रीमती रेखा दवे "विशाखा"
शिक्षा : एम.कॉम. (लेखांकन) एम.ए. (प्राचीन इतिहास एवं अर्थ शास्त्र)
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान में : श्री माधव पुष्प सेवा समिति कि सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्री अरविन्द सोसायटी कि सदस्य व श्री अरविन्द समग्र शिक्षा अनुसन्धान केंद्र के अन्तर्गत नव विहान शिक्षा अकादमी कि पूर्व संचालिका।
रूचि : अध्ययन, सृजन, श्री अरविन्द शिक्षा क...