हिंदी भाषा
संजय जैन
मुंबई
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हिंदी ने बदल दी
प्यार की परिभाषा।
सब कहने लगे
मुझे प्यार हो गया।
कहना भूल गए
आई लव यू।
अब कहते है
मुझ से करोगी..।
कितना कुछ बदल दिया
हिंदी की शब्दावली ने।
और कितना बदलोगे
अपने आप को तुम।
हिंदी से शोहरत मिली
मिला इसी से ज्ञान।
तभी बन पाया
एक लेखक महान।
अब कैसे छोड़ दू
इस प्यारी भाषा को।
ह्रदय स्पर्श कर लेती
जब कहते है आप शब्द।
हर शब्द अगल अलग
अर्थ निकलता है।
तभी तो साहित्यकारों को
ये भाषा बहुत भाती है।
हर तरह के गीत छंद
और लेख लिखे जाते है।
जो लोगो के दिलको छूकर
हृदय में बस जाते है।
और हिंदी गीतों को
मन ही मन गुन गुनाते है।।
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परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं हिंदी रक्षक म...