रिश्ता तेरा मेरा
सुरेखा सुनील दत्त शर्मा
बेगम बाग (मेरठ)
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रिश्ता तेरा मेरा आज राधा कृष्णा सा हो गया,
अपने आप से ज्यादा भरोसा आज तुझ पर हो गया।
तेरा मेरे नजदीक होने का एहसास और गहरा गया,
रिश्ता तेरा मेरा कान्हा की बांसुरी सा हो गया।
जब हर मुश्किल में मेरी मेरा कान्हा बनकर तू साथ खड़ा हो गया,
मोर मुकुट सा मेरे सर पर रिश्ता तेरा मेरा सज गया।
आज तक तूने मुझे डगमगाने नहीं दिया,
बनकर मेरा कृष्णा हर बार मेरा हाथ थाम लिया।
मैं कहीं भी रहूं रिश्ता तेरा मेरा राधा कृष्णा सा हो गया,
मेरी हर सांस मेरी रूह मेरी धड़कन मेरे कान्हा तेरी हो गई।
अपना साथ देकर मुझे राधा आज बना दिया,
रिश्ता तेरा मेरा रुकमणी सा बन ना पाया मगर मुझे राधा तू बना गया।
रिश्ता तेरा मेरा आज राधा कृष्णा सा हो गया,
कृष्णा की राधा बना होठों से बांसुरी की तरह लगा लिया।
रिश्ता तेरा मेरा आज राधा कृष्णा सा हो गया,
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परिचय :- सुरेखा ...






















