होली
श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
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संस्कृति की धरोहर है होली,
संस्कारों की विरासत होली,
प्रकृति का शृंगार है होली,
जीवन का उपहार है होली,
हम सबका गर्व है होली!!
हर जीवन में रंग है भरती,
चेहरों पर मुस्कान सजाती,
स्नेह सौहार्द की धारा है होली
रंगों की बौछार है होली !!
शीत ऋतु की हो रही विदाई
ग्रीष्म ऋतु की आहट आई,
ज़न-जीवन मे उल्लास है भरती
भूले बिसरों की याद है होली!
प्रकृति की अनमोल धरोहर,
हर रंग के जीव जानवर,
इनपर भी हम प्यार लुटाए,
प्रेम रंग से इन्हें सजाएं,
मिलजुल कर त्यौहार मनाएं,
आई होली आई होली!!
परिचय :- श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी
पति : श्री राकेश कुमार चतुर्वेदी
जन्म : २७ जुलाई १९६५ वाराणसी
शिक्षा : एम. ए., एम.फिल – समाजशास्त्र, पी.जी.डिप्लोमा (मानवाधिकार)
निवासी : लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
सम्मान : राष्ट...


















