रात भर
प्रमोद त्यागी (शाफिर मुज़फ़्फ़री)
(मुजफ्फरनगर)
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रात भर आपकी याद आती रही
चाँदनी मेरे दिल को जलाती रही
मानिन्दे शमाँ मैं भी जलता रहा
लौ शमाँ की मुझे आजमाती रही
उनकी आँखों की मय का असर देखिए
ज़िंदगी उम्रभर लडखडाती रही
साँसें उनके बिना मैं भी गिनता रहा
एक आती रही एक जाती रही
जिसपे मरते रहे हो के अंजान सी
उनकी ज़ल्फें यूँ ही बल खाती रही
बेवफा वो रहे फिर भी क्यूँ आजतक
उनकी तस्वीर हमको रुलाती रही
वो गये जब से "शाफिर" क्यूँ आँखें तेरी
झूठ की आड में मुस्कुराती रही
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परिचय :- प्रमोद त्यागी (शाफिर मुज़फ़्फ़री)
ग्राम- सौंहजनी तगान
जिला- मुजफ्फरनगर
प्रदेश- उत्तरप्रदेश
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