हे मिसाइल मानव
भारत भूषण पाठक
धौनी (झारखंड)
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हर्षित है आज यह नभतल।
याद कर वो सुनहरा कल।।अग्निमानव का कर रहा सहर्ष स्वागत।
मानो कहता हो यह सकल जीव-जगत।।
अर्पित कर दिया जिसने अपना जीवन।
आओ मिल हम उन्हें करें नमन।।
कर अर्पित हृदयतल से उनको श्रद्धार्पण।
हे अग्निमानव मेरा भी नमन करें स्वीकार।
हे माँ भारती के आदरणीय सजग पहरेदार।।
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लेखक परिचय :-
नाम - भारत भूषण पाठक
लेखनी नाम - तुच्छ कवि 'भारत '
निवासी - ग्राम पो०-धौनी (शुम्भेश्वर नाथ) जिला दुमका(झारखंड)
कार्यक्षेत्र - आई.एस.डी., सरैयाहाट में कार्यरत शिक्षक
योग्यता - बीकाॅम (प्रतिष्ठा) साथ ही डी.एल.एड.सम्पूर्ण होने वाला है।
काव्यक्षेत्र में तुच्छ प्रयास - साहित्यपीडिया पर मेरी एक रचना माँ तू ममता की विशाल व्योम को स्थान मिल चुकी है काव्य प्रतियोगिता में।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने पर...