ईश का आशीष
अंजना झा
फरीदाबाद हरियाणा
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जीवन की अविरल धारा में
चाहिए यदि ईश का आशीष
क्यों आडंबरपूर्ण विधान में
आस्था औ पूजा के नाम पर
श्रद्धाहीन विचारों के जाल में
जकड़ देते हो अपने आप को
मन के अवसाद को दूर करने
की अतृप्त इच्छा मे बंधकर
लटका देते हो न मूल प्रकृति
औ मौलिक चेतना को सूली पर।
अंतस्थ की जागृति औ ताजगी
हेतु करते हो न बुनियादी भूल
क्यों चढा देते हो इक आवरण
धर्म आस्था व्रत औ परंपरा का।
मंत्रोच्चार से करना है अगर
स्वयं को स्वच्छ और पवित्र
तो भीगो न इस संकल्प से
जो भर दे सकारात्मक ऊर्जा।
चाहते हो मूल्यवादी जीवन
दमित कर दो आसुरी प्रवृति
जागृत करो न दैवीय संस्कार
ध्यानस्थ हो जाओ क्षमा भाव में
फिर नहीं घिरोगे आडंबर से
प्रवाहित होगी न अंतर्मन में
सतत ही सकारात्मक उर्जा
हो जायेगा सार्थक मंत्र स्नान।
जीवन के अविरल धारा में
मिलेगा तभी ईश का आशीष।
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परिचय :- नाम : अंजना झ...














