लो अब मैं चीख़कर कहता हूं प्यार हुआ है मुझे
===================================
रचयिता : शिवांकित तिवारी "शिवा"
अजब सा नशा छाया है और खुमार हुआ है मुझे,
लो अब मैं चीख़कर कहता हूं प्यार हुआ है मुझे,
रात भर अब करवटें बदल कर सोने लगा हूं,
हां अब उसका बनकर उसमें ही खोने लगा हूं,
बेचैन रहती है नज़रे मेरी तुझे देखने की खातिर,
इश्क़-ए-सफ़र के सफ़र का हूं मैं बेपरवाह मुसाफ़िर,
संवारने लगा खुद को जबसे तेरा दीदार हुआ है मुझे,
लो अब मैं चीख़कर कहता हूं प्यार हुआ है मुझे,
तेरी तस्वीर अब मैं अपने सीने से लगा कर रखता हूं,
तेरी जुल्फें,आंखे और लबों को निहार कर निखरता हूं,
अगर तू इश्क़-ए-दवा है तो अब बुख़ार हुआ है मुझे,
लो अब मैं चीख़कर कहता हूं प्यार हुआ है मुझे,
लेखक परिचय :- शिवांकित तिवारी "शिवा" युवा कवि, लेखक एवं प्रेरक सतना (म.प्र.) शिवांकित तिवारी का उपनाम ‘शिवा’ है। जन्म तारीख १ जनवरी १९९९ ...