यही है मेरी राय…
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दामोदर विरमाल
महू - इंदौर (मध्यप्रदेश)
दुनिया के अनुरूप रहिये,
यही है मेरी राय।
ज़रूरी नही की पसंद आपकी,
दुनिया को पसंद आये।
जब कोई ना मांगे आपसे, तो राय कभी मत दे देना।
बिना वजह तुम लोगो से कोई दुश्मनी मत ले लेना।
इधर उधर तब देखना जब कोई तुम्हे बताये-
दुनिया के अनुरूप रहिये,
यही है मेरी राय।
ज़रूरी नही की पसंद आपकी,
दुनिया को पसंद आये।
वैसे तो इस दुनिया मे कोई किसी को नही पूछता।
सबको बुराइयों के अलावा कोई काम नही सूझता।
सही कहने वाले को ही, सारे गलत बताये-
दुनिया के अनुरूप रहिये,
यही है मेरी राय।
ज़रूरी नही की पसंद आपकी,
दुनिया को पसंद आये।
में तो बस जानू इतना कि रखो खुदी का ध्यान।
जब तक कोई ना मांगे मत देना तुम कोई ज्ञान।
बेवजह गाली खाने की नौबत ना आ जाये-
दुनिया के अनुरूप रहिये,
यही है मेरी राय।
ज़रूरी नही की पसंद आपकी,
दुनिया को पसंद आये।
पड़ोसी का हो झगड़ा और दोस्तो का ह...






















