चलो जिंदगी को नया अंदाज़ दें …
प्रमेशदीप मानिकपुरी
भोथीडीह, धमतरी (छतीसगढ़)
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चलो जिंदगी को नया अंदाज़ दें ...
कलियाँ ही खिल कर बनती है सुमन
सुवासित होता है जिससे सदा चमन
चलो फिर से कलियों को नया बाग दे
चलो जिंदगी को नया अंदाज़ दे
गुल मे खिलते ही रहेंगे सुमन सदा
बादलो की बदलती रहे नित अदा
अब हर मौसम को नया सुर साज दे
चलो जिंदगी को नया अंदाज़ दे
बहारो मे कलरव करती है पंछीया
गूंजती है जिससे प्रतिदिन वादिया
चलो वादियों को नया आगाज दे
चलो जिंदगी को नया अंदाज़ दे
अब तो हर दिन एक नई बात हो
अंधेरों के शहर मे कभी प्रभात हो
हर सुबह को एक नया आज दे
चलो जिंदगी को नया अंदाज़ दे
अब हर शहर मे अमन का हो बसर
खुशियो का जहाँ मे होता रहे असर
अमन का सदा जग को पैगाम दे
चलो जिंदगी को नया अंदाज़ दे
परिचय :- प्रमेशदीप मानिकपुरी
पिता : श्री लीलूदास मानिकपुरी
जन्म : २५/११/१९७८
निवासी : आमाचानी पोस...