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विकृती को मान्यता

विश्वनाथ शिरढोणकर इंदौर म.प्र. ****************** बीते अनेक वर्षों मे, फिल्मों में दुर्जन खलनायकों को महिमामंडित करते बाजारवाद का योजनाबद्द षड्यंत्र हम देखते आ रहें हैं। इसमें सद्गुणी, सज्जन नायक कहीं तो भी पीछे पड़ता गया। आगे चल कर नायक में ही खलनायक की विशिष्टता (दुर्गुण) की भी बाजार को जरुरत महसूस होने लगी। इसी तरह…
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विद्वता वाग्मिता एवं विनम्रता की त्रिवेणी : साहित्यकार आचार्य श्यामनंदन शास्त्री

डॉ. पंकजवासिनी पटना (बिहार) ******************** विद्या ददाति विनयम् की साक्षात् साकार प्रतिमा, सर्जक मेधा एवं साहित्य- साधना के प्रतीक! हिंदी, संस्कृत एवं मगही के अधीती विद्वान, अप्रतिम ज्ञानगर्भित-शिष्यवत्सल प्राध्यापक, काव्यशास्त्र के प्रकांड विद्वान, गंभीर चिंतक, प्रखर वक्ता, सिद्धहस्त लेखक, उत्कृष्ट कवि, लघुकथा के पुरोधा तथा जरूरतमंदों के सहारा, एक सच्चे समाजसेवी एवं प्रगतिशील व्यक्तित्व के…
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असली भगवान है सिर्फ़ “मां”

शिवांकित तिवारी “शिवा” सतना मध्य प्रदेश ******************** इस सृष्टि की रचना करने के कारण हम सभी ईश्वर को सबसे बड़ा रचनाकार मानते है। उसी तरह मां भी इस धरा पर शिशु को नौ माह तक अपनी कोख में रख अथक पीड़ा सहन करने के उपरांत जन्म देती है अर्थात्…
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घर एक मन्दिर ही है

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़ (हरियाणा) ******************** यह बात निस्संदेह नितान्त सत्य ही है कि घर एक मन्दिर की तरह है। मन्दिर में जाते ही प्रभु से समीपता का एहसास होता है, ऐसे ही घर में जहाँ परस्पर प्यार,लगाव, आकर्षण है, जाते ही अपनेपन का एहसास हिलोरें…
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जीवंत गाँव : आत्मनिर्भर भारत, सशक्त भारत

डॉ. ओम प्रकाश चौधरी वाराणसी, काशी ************************ आजकल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का नारा बुलंदियों पर है, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्रद्धेय मोदी जी का नया संकल्प आत्मनिर्भर भारत का है। यह नया संप्रत्यय या संकल्पना नहीं है अपितु अत्यंत पुरानी है।…
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हरफनमौला कवि बाबा नागार्जुन की १०९ वीं जयंती के अवसर पर विशेष

डॉ. यशुकृति हजारे भंडारा (महाराष्ट्र) ******************** जनता मुझसे पूछ रही है क्या बतलाऊं जन कवि हूँ मैं साफ कहूंगा क्यों, हकलाऊं जन कवि कहे जाने वाले बाबा नागार्जुन की यह पंक्तियां उनके व्यक्तित्व, जीवन दर्शन तथा…
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धन्यवाद कोरोना

रश्मि श्रीवास्तव “सुकून” पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़) ******************** आप सब सोंच रहे होंगे कि जहां एक ओर पूरी दुनिया इस कोरोना नमक महामारी से हड़कंप मची हुई है लोग कोरोना के नाम से डरे सहमे नज़र आ रहे हैं वहाँ इसे क्या सूझी जो कोरोना के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया जा रहा है। हम सभी यह…
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कोविड-१९ लॉक डाउन-अनलॉक डाउन- एक मनोसामाजिक विवेचन

डॉ. ओम प्रकाश चौधरी वाराणसी, काशी ************************ कोरोना वायरस मानव इतिहास की एक बहुत बड़ी घटना है।अकस्मात आयी इस विपदा से निजात पाने की अनिश्चितता विश्व के समस्त देशों में है। व्यवसाय-व्यापार, निर्माण कार्य बंद हो जाने से…
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प्रवासी मजदूर और बरसात का कहर

गोवर्धन लाल डांगी चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) ******************** आज सारे संसार के सामने कोरोना महामारी का प्रकोप पांव पसार खडा़ है, मानव को झंकजोर कर रख दिया है। एक दूसरे की संवेदना शून्य सी जान पडती है। विश्व की सभ्यता, संस्कृति और सामाजिक ढांचे में अचानक बदलाव आया है, इन सब का शिकार मजदूर वर्ग हुआ है।…
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इतिहास के क्षितिज में विलीन कविता

योगेश्वर स्वामी झुंझनू, राजस्थान ******************** कविता किसी पेड़ से अलग हुआ पत्ता नहीं जिसे हवा अपनी झाड़ू से बुहार दे…. कविता समुद्र भी नहीं जिसपे जहाज़ लंगर डाल ले…. कविता किसी मेहनती किसान की बनियान का स्वेद नहीं, जिसे निचोड़ा जा सके … बल्कि कविता तो दुनिया के हृदय में गड़ा हुआ एक खूंटा है….…
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भटकन ही भटकन

रामनारायण सुनगरिया भिलाई, जिला-दुर्ग (छ.ग.) ******************** यह ऐसी स्थिति होती है कि कोई भी मृगमरीचिका की तरह दिग्भ्रमित होकर इधर-उधर डोलता रहता है। कुछ भी निर्णय लेने में अपने आपको अक्षम पाता है। किसी भी स्थिति में उसे विश्वास अपने घेरे में नहीं ले पाता। हर जगह अनिश्चय ही अनिश्चय प्रतीत होता है। किसी भी…
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सुशांत जैसी शख्सियत का यूँ जाना अखरता है मानव जाति को

आशीष तिवारी “निर्मल” रीवा मध्यप्रदेश ******************** चिट्ठी ना कोई संदेश, इस दिल को लगा के ठेस कहाँ तुम चले गए….? हर दिल अजीज, उम्दा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत सर आज आप हमारे बीच नहीं हैं ख़बर सुनने के बाद ना जाने कितनी बार मेरी आँख नम हुई गला रुंध सा गया! मेरी मन: स्थिति कुछ…
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रक्तदान दिवस

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** दान की महत्ता क्या होती है यह सनातन धर्म से अधिक कौन जानेगा? हमने अपना तन, शरीर, सर्वस्व देकर भी शरणार्थी की रक्षा की है। राजा शिवि ने एक कबूतर की जान बचाने के लिए अपना पूरा शरीर काट काट कर बाज को दान कर दिया। राजा बलि…
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भारतीय जीवन में रचा बसा है पर्यावरण

मनोरमा पंत महू जिला इंदौर म.प्र. ******************** हमारे पूर्वज सृष्टि के आरम्भ से ही प्रकृति की लय, ताल में रहते थे। जीव जंतुओं, पेड़ पौधों से उनका इतना गहरा आत्मीय संबंध जुड़ा था कि वे उनसे संवाद कर सकते थे। उन्होंनें प्राकृतिक उपादानों को देवी देवताओं की पदवी देकर पूजा अर्चना करके सदैव उनके प्रति…
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चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना

डॉ. ओम प्रकाश चौधरी वाराणसी, काशी ************************ कभी यह गाना हमारे बहुत ही अजीज अच्छू बाबू (श्री अच्छेलाल राजभर) प्रायः गुनगुनाया करते थे। आज सुबह-सुबह अच्छू बाबू की याद आयी और यह गीत अनायास ही मेरी जुबान…
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हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** हिंदू साम्राज्य दिनोत्सवम ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी का यह दिन कोई सामान्य दिन नहीं था। मुगलों अफगान तुर्कों के अत्याचार भरे शासन के कई दशक बीत जाने के बाद एक हिंदू सम्राट के राज्याभिषेक का स्वर्णिम अवसर है ऐसा समय जब तुर्कों से युद्ध का विचार भी करना,…
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आपदा और प्रेम

कोरोना ने दिखा दिया कि हम भारतीय सच में प्रेम की परिभाषा ठीक से समझते हैं। दया, करुणा, फ़र्ज़, लगभग हर जगह दिखे। नाम की चाह रखने वालों ने दान खूब किया और तस्वीरों के जरिये दिखाना चाहा कि वो मानवतावादी हैं। होड़ लग गई थी प्रदर्शन करने में। कुछ तो दान लेकर दान देते…
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हमने क्या-क्या देखा

डॉ. सर्वेश व्यास इंदौर (मध्य प्रदेश) ********************** जब से हमने कोरोना को देखा ना पूछो, हमने क्या-क्या देखा इंसान में हमने भक्षक को देखा इंसान में हमने रक्षक को देखा इंसान को हमने लूटते देखा इंसान को हमने लुटाते देखा पकवान खाते अमीरों को देखा ठोकरें खाते मजदूरों को देखा धनवानोंं को भंडार भरते देखा…
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कोरोना के बाद की दुनिया

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** कोरोना, यह शब्द कुछ माह से मन को झकझोर जाता है, इसने मानव सभ्यता की वर्तमान व भविष्य की योजनाओं को उथल पुथल कर के रख दिया। इस संक्रमण के बाद के जन जीवन पर इसका बहुत प्रभाव रहने वाला है, आने वाले कई वर्षों तक हमें संक्रमण…
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कोरोना: सामाजिक, सांस्कृतिक, मानसिक एवं आर्थिक आपदा

डॉ. ओम प्रकाश चौधरी वाराणसी, काशी ************************ भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में शुमार हैं, इसके मूल्य और विश्वास, सत्य, अहिंसा, त्याग सम्पूर्ण विश्व को आलोकित करते हैं। जन-जन से परिवार,…
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सत्य, अहिंसा, त्याग की प्रतिमूर्ति भगवान बुद्ध

डॉ. ओम प्रकाश चौधरी वाराणसी, काशी ************************ वह जन्म भूमि मेरी, वह मातृ भूमि मेरी। वह धर्मभूमि मेरी, वह कर्मभूमि मेरी। वह युद्धि भूमि मेरी, वह बुद्धभूमि मेरी। वह मातृ भूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी। पंडित सोहन लाल द्विवेदी की यह पंक्तियाँ भारत की संस्कृति व सभ्यता इस तथ्य को उदघाटित कर रही हैं कि…
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मां तो बस मां होती है

श्रीमती शोभारानी तिवारी इंदौर म.प्र. ******************** बच्चा जब जन्म लेता है तो सबसे पहले मां की गोद को ही अपनी दुनिया समझता है। मां बच्चे को दूध पिला देती है, और वह तृप्त हो जाता है। गोद में अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। मां का अर्थ है ममता का भाव। मां शब्द सुनकर…
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माता भूमि:पुत्रो अहं पृथिव्या:

डॉ. ओम प्रकाश चौधरी वाराणसी, काशी ************************ जहाँ जाने के बाद वापस आने का मन ना करे जितना भी घूम लो वहाँ पर कभी मन ना भरे हरियाली, व स्वच्छ हवा भरमार रहती है जहाँ सच में वही तो असली प्रकृति कहलाती है। जहाँ पर चलती गाड़ियों की शोर नही गूंजती जिस जगह की हवा…
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एक भावनात्मक पत्र

डॉ. विनोद वर्मा “आज़ाद” देपालपुर ********************** प्रियवर, आप और घर पर सब कैसे है? अपना और परिवार का ध्यान रखे। इस वैश्विक महामारी के दौर में घर मे ही रहे, सुरक्षित रहे। इस सदी में पहला ऐसा मौका आया है की घर-परिवार के बीच लम्बे अरसे तक साथ रह सके। अतः प्रतिदिन पकवान बनाएँ, नई-नई…
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कैंसर के कारक

योगी मनोज गर्ग इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** साथियों, पिछले दो दिनों में लगातार भारतीय सिनेमा के दो सितारों का कैंसर से असमय ही देहांत हो गया है। बिगड़ी हुई जीवनशैली में पिछले वर्षों में कैंसर रोग बहुत तेज़ी से पूरे विश्व मे बढ़ते जा रहा है। भारत मे प्रतिवर्ष लगभग १०-१२ लाख लोग कैंसर से…