रचयिता : संगीता केस्वानी
===========================================================================================================
शहादत
हूं तिरंगे में लिपटा हुआ,
मां की गोद में मीठी नींद सोया हुआ,
गम जदा मां को बादल ने सहलाया है,
पश्मिनी याख – बस्ता मर्म आंचल मुझपे ओडाया है,
लहू बहा अंगारा जो देहकाया है,
मस्त पवन ने खूब उसे बड़काया है,
ना शोक मना, ना अश्क बहा,
गाज बन गिरेगा वो,
अभी विशाल तेरा सर्माया है।
सुनहरी – धानी फसल बन इन खेतों में लेहराऊंगा,
हरियाली की चादर ओढ़े तुझसे लिपट ही जाऊंगा,
हूं तुझसे जन्मा ,तुझमें ही समाऊंगा,
में रख बन तुझमें ही वीलीन होजाऊंगा,
ना तुझसे जुदा हो पाऊंगा,
आज जिसने खून से नहलाया है,
उसे अंगारों से देहकाऊंगा,
तेरे हर कतरा – ए – अश्क को
बदल सुनामी में
प्रलय – ताड़व मचाऊंगा।।
की अपनी शौर्य शहादत से,
हौसला – ऐ – इरादों से,
दुश्मन – ए – नापाक खूनी वजूद को मिटादूंगा,
और कुछ हो ना हो
वतन परस्ती के जस्बे से,
हिमालय की ऊंची चोटी पे अपने खून से लिख जाऊंगा ,
वन्दे मातरम,वन्दे मातरम।।
लेखिका परिचय :- संगीता केस्वानी
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…
Views: 173