गाँधी जी का रूप निराला
किरण पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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गाँधी जी का रूप निराला,
गमछा लकडी चश्मा काला।
शान्ति से क्रान्ति तुम करते,
सविनय, दाण्डी,
अग्रेंजो तुम भारत छोड़।
राष्ट्र पिता भारत के तुम हो,
पक्के देश भक्त भी तुम हो,
अग्रेंजो की ठठरी बारी,
विदेशी कपडो की होली बारी,
पहुँचाया सबको निजधाम,
भारत माता की जय-जय कार।
कितने जुल्म सहे लोगो ने।
कितने अत्याचार सहे लोगो ने,
हार ना मानी जीते हे आप।
विश्व गुरु फिर बनेगा आप।
जय हिंद जय भारत।
परिचय : किरण पोरवाल
पति : विजय पोरवाल
निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स
व्यवसाय : बिजनेस वूमेन
विशिष्ट उपलब्धियां :
१. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित
२. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित
३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना
रूचि : कविता लेखन...