जिसको लोग आम कहते हैं
अंजनी कुमार चतुर्वेदी "श्रीकांत"
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
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जिसको लोग आम कहते हैं,
वही खास होता है।
जिसको नहीं मिले खाने को,
वो आपा खोता है।
पके रसीले आम देखकर,
मुँह में पानी आता।
बच्चे युवा वयस्क आम को,
हर कोई है खाता।
कोई इसे चूसता मुँह से,
मन प्रसन्न हो जाता।
इसको बिना दाँत का बुड्ढा,
बड़े प्यार से खाता।
आता आम हाथ बच्चों के,
पहले झगड़ा होता।
पाने वाला खुश हो जाता,
नहीं मिले वो रोता।
बच्चे इसे प्यार से खाते,
खाते और गिराते।
जिसको नहीं मिला उसको वे,
लंबी जीभ चिढ़ाते।
सभी आम के दीवाने हैं,
बड़े स्वाद से खाते।
कलमी लँगड़ा और दशहरी,
बदामी घर लाते।
पका रसीला आम हाथ से,
जब बच्चे खाते हैं।
आधा रस हाथों में लगता,
वस्त्र भीग जाते हैं।
जैसा मजा मिला बचपन में,
वैसा कभी न पाया।
खा लो आम सभी जी भर कर,
आम रसीला आया।
परिचय :- अंजनी ...