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ज़िंदगी बदल देगी यह पुस्तक : ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा
साहित्य

ज़िंदगी बदल देगी यह पुस्तक : ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा

पुस्तक : ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा लेखक : शिखर चंद जैन मूल्य : २५० रुपये प्रकाशक : प्रखर गूँज प्रकाशन,दिल्ली समीक्षक : कुमार संदीप ज़िंदगी में कई ऐसे मोड़ आते हैं जब हम ज़िंदगी से मिले दर्द व तकलीफ़ से पूरी तरह टूट जाते हैं, निराश हो जाते हैं। उस वक्त हमें सबसे बड़ी ज़रूरत होती है साहस की धैर्य की। इस अवस्था में यदि हमें एक ऐसी पुस्तक यदि पढ़ने को मिल जाए जो हमारे अंदर अथाह साहस का संचार कर दे तो फिर ज़िंदगी सार्थक हो जाती है। जी हाँ, एक अच्छी पु्स्तक न केवल पढ़ने में ही अच्छी लगती है अपितु आपकी ज़िंदगी बदलने की शक्ति भी रखती है।आपने सुना भी होगा कि अन्ना हजारे एक बार आत्महत्या करने जा रहे थे,इस बीच उन्होंने एक किताब पढ़ ली और अपने उस निर्णय को सदा सर्वदा के लिए त्याग दिया। ऐसी ही प्रेरणादायक व रग-रग में कुछ अलग करने की चाह जागृत करने वाली पुस्तक है "ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा"। इस पुस्तक में लिखि...
आसमान के तारें
कविता

आसमान के तारें

********* कुमार संदीप ग्राम सिमरा, मुजफ्फरपुर (बिहार) आसमान के तारें हाँ जब देखता हूँ आसमां में टिमटिमाते हुये तारों को, ऐसा लगता है कि ये तारें सपरिवार स्नेह और प्रेम से रहते हैं मिलजुलकर एक साथ। आसमान के तारें हाँ जब देखता हूँ आसमां में, जुगनू की तरह तारों को चमकते ऐसा लगता है कि ये तारें एक साथ हँसते हैं मुस्कुराते हैं, तारों की चमक आँखों को देती है सुकून। आसमान के तारें हाँ जब देखता हूँ आसमां में, तारों को कुछ समय के लिए ओझल होते ऐसा लगता है कि ये तारें भी क्रंदन करते हैं दीन दुखी के दुःख देखकर, ये तारें देखते हैं आसमां से इंसानों के कुकर्मों को। आसमान के तारें हाँ जब देखता हूँ आसमां में असंख्य तारें, ऐसा लगता है कि ये तारें सभी एक जैसे ही हैं, इन तारों में इंसानों की तरह न तो रंग का भेदभाव है, न ही धर्म, जाती का बंधन। . लेखक परिचय :-  नाम : कुमार संदीप पिता : स्वर्गीय ब्रज ...