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Tag: जयप्रकाश शर्मा

खुद को जानो
कविता

खुद को जानो

जयप्रकाश शर्मा जोधपुर (राजस्थान) ******************** खुद को जानो और खुद की अहमियत पहचानों क्योंकि ये स्वर्णिम वक्त निकल जाने के बाद कोई भी नहीं लौटा पायेगा आपके माता पिता भी नहीं छोटे थे हर बात भूल जाया करते थे दुनियाँ कहती थी याद करना सीखो बडे़ हुए तो हर बात याद रहती है दुनियाँ कहती है भूलना सीखो सभी समय-समय की बातें है बैठे-बैठे कैसा दिल घबरा जाता है जाने वालों का जाना याद आ जाता है ज़िंदगी से बड़ी सजा ही नहीं और क्या जुर्म है पता ही नहीं खुद को जानो और खुद की अहमियत पहचानों परिचय :- जयप्रकाश शर्मा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं,...
कल्पनाओं में
कविता

कल्पनाओं में

जयप्रकाश शर्मा जोधपुर (राजस्थान) ******************** कल्पनाओं में जीना संभव है परंतु हकीकत में जीना कठिन है जीवन एक नदी है इसे पार सबको करना है परंतु माझी के भरोसे भी नहीं रहना है अगर जीवन की नदी पार करनी हो तो स्वाबलंबी बनना जरूरी है कब तक माझी के भरोसे नैया पार करेंगे खुद को भी तो पुरुषार्थ करना है कल्पना करना अच्छी बात है परंतु पुरुषार्थ खुद को करना है परिचय :- जयप्रकाश शर्मा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंद...
अपनों से प्रेम
कविता

अपनों से प्रेम

जयप्रकाश शर्मा जोधपुर (राजस्थान) ******************** अपनों से प्रेम कागज पर लिख देना प्रेम नहीं होता प्रेम ना लिखकर प्रेम का आभास कराकर प्रेम होता है जलती चिता में तो हर कोई लकड़ी देता है पर जीवित रहते अपनों से प्रेम करना यही प्रेम है प्रेम की अनुभूति ओर प्रेम का आभास यही प्रेम की भावना और प्रेम है परिचय :- जयप्रकाश शर्मा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) की...
कदाचित
कविता

कदाचित

जयप्रकाश शर्मा जोधपुर (राजस्थान) ******************** अकाल मृत्यु कदाचित् हमारी दृष्टि में। ईश्वर का सबसे बड़ा अन्याय है। जो आज प्रेम कि बात करते हैं, कल वो अपने बच्चों के प्रेम के खिलाफ खड़े हो जाएंगे माता-पिता के कमाई से खरीदा हुआ उपहार किसी के हाथ में आ जाने से कोई ज्ञानी नही हो जाता कदाचित हम हैं इन सब के दोषी हैं परिचय :- जयप्रकाश शर्मा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@...
दुनिया देखे नाही
कविता

दुनिया देखे नाही

जयप्रकाश शर्मा जोधपुर (राजस्थान) ******************** बुद्धि ये कहती है सयानों से मिलकर रहना हदय ये कहता है दीवानों से मिलकर रहना अपने टिकने नहीं देते हैं कभी चोटी पर जान-पहचान अनजानों से बनाए रखना अब आसान नहीं है उसे रोक के रखना वह मृत्यु है किसी की नहीं सुनती कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूढै वन मांहि.. ऐसे घट घट राम हैं, दुनिया देखे नांहि..! परिचय :- जयप्रकाश शर्मा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hin...
हम सब झगड़ेगे
कविता

हम सब झगड़ेगे

जयप्रकाश शर्मा जोधपुर (राजस्थान) ******************** हम सब झगड़ेंगे मित्रों हम सब झगड़ेंगे कि झगड़ेंगे बग़ैर कुछ नहीं मिलता हम सब झगड़ेंगे कि अब तक झगड़े क्यों नहीं हम झगडेगे अपनी सज़ा ग्रहण करने के लिए झगड़ते हुए मर जाने वाले की याद ज़िन्दा रखने के लिए हम सब झगड़ेंगे परिचय :- जयप्रकाश शर्मा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें ...
आशा
कविता

आशा

जयप्रकाश शर्मा जोधपुर (राजस्थान) ******************** आशा जीवन है आशा उमंग है। आशा तरंग है आशा रंग है। आशा उत्साह है आशा सक्ती है आशा तेज है। आशा भक्ति है। आशा प्रण है आशा प्राण हैं। आशा संस्कार है। आशा संस्कृति है। परिचय :- जयप्रकाश शर्मा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻 आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य क...
कर्मठ भारतीय हूं
कविता

कर्मठ भारतीय हूं

जयप्रकाश शर्मा जोधपुर (राजस्थान) ******************** संकट प्रसन्नचित हूं मैं, थोड़े में संतुष्ट हूं मैं। ना उम्मीदों में उम्मीद हूं मैं, मैं कर्मठ भारतीय हूं। सम्पूर्ण संसार में व्याप्त है मेरी भुजाएं, सम्पूर्ण कमियों पर है मेरी शब्दावली। सम्पूर्ण धर्मों से सजती है मेरी बांगे। में कर्मठ भारतीय हूं। उम्मीद के प्रफुल्लित हूं मैं। शक्ति के वास में मैं हूं। भारत के वीर पुरूषों के अनंत ज्ञान में हूं। में कर्मठ भारतीय हूं। परिचय :- जयप्रकाश शर्मा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, क...