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Tag: डॉ. गुलाबचंद पटेल

जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं….
जन्मदिवस

जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं….

हिन्दी रक्षक मंच hindirakshak.com के वरिष्ठ रचनाकार डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुजरात) का आज १९ जनवरी को जन्मदिवस है ... इस पटल के माध्यम से नीचे दिए गए कमेंट्स बॉक्स में संदेश भेजकर आप शुभकामनाएं दे सकते हैं….   डॉ. गुलाब चंद पटेल (साहित्यकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता) अध्यक्ष महात्मा गांधी साहित्य मंच गांधीनगर अध्यक्ष. गुजरात प्रदेश भारत माता अभिनंदन संगठन हरियाणा अध्यक्ष गुजरात प्रदेश अखिल भारतीय गुरुकुल एवं गौ शाला अनुसंधान संस्थान न्यू दिल्ली अध्यक्ष गुजरात प्रदेश. कवि निराला हिंदी साहित्य अकादमी नागदा जंक्शन मध्य प्रदेश राज्य प्रभारी सामयिक परिवेश हिन्दी पत्रिका दिल्ली कार्यकारिणी सदस्य हिंदी साहित्य परिषद् अहमदाबाद अध्यक्ष उमिया गौ शाला एवं गुरुकुल गांधीनगर डाइरेक्टर. इंडियन लायंस गांधीनगर स्वर्णिम क्लब नशा मुक्ति अभियान प्रणेता ब्रेसट क...
योग
कविता

योग

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुजरात) ******************** योग कृष्ण के गले में हे सुन्दर माला, विश्व के लोगों ने भी बनाई है योग माला मुलाकात होती है एक संजोग २१ जून को पूरा देश करेगा योग अंग्रेजी में ट्यूज़ड़े, वेडनसडे एंड थरसड़े फ्री स्टाईल से मनाते हैं लोग यहा बर्थ डे भारत देश हे प्यारा और लवली बाबा रामदेव कराते हैं रोज नावली यदि रोग के बारे में तुमने जाना योग से बच सकते हैं दवाई के पेसा यदि रोजाना करेंगे तुम योग नहीं रहेगा आप के शरीर में रोग मुस्लिम समुदाय को सूर्य नमस्कार में बाधा कोई बात नहीं चाँद के सामने करो तुम आधा मी. नरेंद्र मोदी ने लगाया सफाई का नारा रोग भगाने के लिए स्वच्छ रहेगा देश सारा लोग कहते हैं, जगत हे मिथ्या किन्तु योग से बन सकता है विश्व प्यारा योग करने के लिए मे विनती करू मत पीना तुम कभी बीड़ी सिगरेट दारू पोरबंदर की प्रख्यात हे ख़ाजली योग ग...
अटरिया
कविता

अटरिया

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुजरात) ******************** कारे-कारे बदरा रे, तुम मत आना मेरी अटरिया पर मे नीद मे सोया था सपना मे खोया था कारे कारे बदरा रे, हमे नीद से क्यू जगाया रे? हमने सुन्दर सपना देखा था तुमने सपना क्यू तोड़ दिया रे? आकर मेरी अटरिया पर तुमने हमे क्यू जगाया रे? सपने में वो आई थी, क्यू तुमने भगा दिया रे? बदरा तुम पापी हे आंखो से नीद भगा दी रे कभी तुम पवन संग आया रे प्रीत का संदेश तुम लाया रे पवन संग हमे भगा ले गया रे बारिश के संग प्रिया को पाया रे कारे कारे बदरा तुम मेरी अटरिया पर जरूर आना. प्रिया का संदेश तुम जरूर लाना परिचय :-  डॉ. गुलाबचंद पटेल निवासी : अहमदाबाद (गुजरात) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय...
शंकराचार्य शंकर
कविता

शंकराचार्य शंकर

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुजरात) ******************** जन्म लिया कलाडी केरल चेर शंकर बने शंकराचार्य ब्राह्मण घेर मृत्यु हुई केदारनाथ ३२ उम्र उत्तराखंड मठ स्थापित किए गए देश में चारो खंड शृंगेरि गोवर्धन, शारदा और ज्योतिराखंड शृंगेरि शारदा पीठ दक्षिण में रामेश्वरम गोवर्धन मठ उड़ीसा पूरी मे हे स्थित शारदा मठ दारिका मे हे आया ज्योतिर्मय मठ बद्रीनाथ उतरा खंड चारो दिशा में चार मठ इन्होंने लगाया माता सुभद्रा, पिता थे शिव गुरु भट्ट शिव आराधना से सुंदर पुत्र रत्न पाया तीन साल में माता पिता को खोया नाम पवित्र शंकर इन्होंने था पाया शंकराचार्य ने स्थापित किया दशनामी सम्प्रदाय गिरीपर्वत सागर पूरी सरस्वती वन अरण्य तीर्थ आश्रम वैदिक धर्म जैन राजन सुधनवा ने वह अपनाया भागवत गीता उपनिषद की टिप्पणी ताम्र पत्र लिखवाया था राजा सूधनवा कवि गुलाब कहे शंकराचार्य सभी नहीं बन पाता महा मांडलेस्वर अखाड़ा आचार्य....
कातिल कोरोना
कविता

कातिल कोरोना

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) ******************** एक बार न्यूमोनिया कोरोना बनकर हमसे जा टकराया डटकर किया मुकाबला हमने उल्टे सिर लटकाया वो इतना कातिल था, गले में जा अटका कफ सिरप ने दांतों से खूब चबाया डॉ. दीपेन ने रेमडीसीवर दिया उसने खूब आराम से वो पिया औषध का नदी बहाया कोरो ना कहे मे कहा से आया डॉ. ने गोलियों से बूंद डाला सिर उसका काट डाला हमने कहा, अब तुम वापस मत आना सीधे अपने घर पहुँच जाना तुम करोना हो या फिर कोई भी हमरी ताकत तूने नहीं देखी कवि गुलाब कहे, कोरों ना से मत डरना डटकर मुकाबला करना मास्क मुह पर जरूर लगाना औरों को तुम जगाना दो गज की दूरी तुम रखना सेनेटराइज़ पास रखना टीका जरूर तुम लगवाना बिना काम घर से बाहर न निकलना परिचय :-  डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप...
पापा
कविता

पापा

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) ******************** कोरोंना ने रास्ता है नापा बहुत ही प्यारे थे मेरे श्री पापा बारिश बिना हे ये धरती प्यासी मेरे पापा का नाम था नरसी खेत किनारे चमक रहा है रेती मेरे पापा करते थे खेत में खेती होली के त्यौहार मे उभरे हैं रंग उतरायन में वो उड़ाते थे पतंग घर हमारा था झुग्गि झो्‍पड़े दीपावली मे वो दिलाते कपड़े खेत में वो बहुत ही काम करते भगवान शिवा न किसी से डरते कपड़े मिलमे वो करते थे काम रख दिया उन्होने गुलाब मेरा नाम पढ़ने न आता था उन्हे बाइबल लेकिन वो चलाते थे सायकिल गांव में मुखिया फूला भाई नामदार मेरे पापा थे एक मिल कामदार हमारे घर में निकला था एक चिता पापा ने कहा कि तुम सिगरेट मत पीना पढ़ना चाहे तुम गीता और रामायण श्री गुलाब कहे तुम करना पापा का पूजन परिचय :-  डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार...
नव संवत्सर
कविता

नव संवत्सर

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) ******************** नव संवत्सर नजदीक आया है नए भारत वर्ष २०७८ को लाया हे नई विक्रम संवत जब आएगी खुशियो की बारात वो लाएगी चैत्र मास शुक्ल प्रतिपदा आई है नए भारत के स्वप्न सुन्दर लाई हे १२ मास साल सात दिन सप्ताह बनी हे विक्रम संवत ने यह शुरुआत करायी है हिन्दू धर्म ने विक्रम संवत सजाया हे अंग्रेज और अरब ने यह अपनाया है सूर्य प्रवेश मेष राशि में करवाया है चैत्र मास से नव संवत्सर मनाया हे. चैत्र मास पवित्र कहलाया हे ब्रह्मा ने सृष्टि उसी दिन रचाया है अयोध्या में विजय पताका फहराया हे राज्याभिषेक राम का उस दिन करवाया है १३ अप्रेल २०२१ नजदीक आया है कवि गुलाब कहे, हिन्दू नव वर्ष लाया है परिचय :-  डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, क...
डॉ. गुलाब चंद पटेल स्वदेश भारत गौरव सम्मान २०२० से अयोध्या में सम्मानित
साहित्यिक

डॉ. गुलाब चंद पटेल स्वदेश भारत गौरव सम्मान २०२० से अयोध्या में सम्मानित

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) ********************  स्वदेश संस्थान भारत, सागर विश्व मानव विकास, शिक्षा एवं ज़न सेवा संस्थान, अयोध्या कला महोत्सव, राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी, स्वदेश भारत स्मारिका विमोचन, विचार संगोष्ठी एवं रविन्द्र नाथ टैगोर, अयोध्या संस्था के अध्यक्ष श्री एस बी. सागर प्रजापति द्वारा तिथि ७ मई २०२० दिन गुरुवार स्थान सागर कला भवन, अयोध्या उत्तर प्रदेश मे आयोजित कार्यक्रम में गांधीनगर गुजरात की राजधानी के सामाजिक कार्यकर, नशा मुक्ति अभियान प्रणेता ब्रेस्ट कैंसर अवेर्नेस प्रोग्राम आयोजक तथा हिन्दी गुजराती कवि लेखक अनुवादक और इंडियन लायंस गांधीनगर स्वर्णिम क्लब के उपाध्यक्ष एवं महात्मा गांधी साहित्य मंच गांधीनगर के अध्यक्ष श्री डॉ. गुलाब चंद पटेल को "स्वदेश इंडिया ग्लोरि अवार्ड २०२० (स्वदेश भारत गौरव सम्मान २०२०) प्रदान किया गया है। श्री पटेल को उनकी उपलब्धियां प्राप्त एव...
गुजराती ऑन लाइन कवि सम्मेलन मे बही भाई बहन का प्यार की धारा
साहित्यिक

गुजराती ऑन लाइन कवि सम्मेलन मे बही भाई बहन का प्यार की धारा

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) ******************** गांधी नगर साहित्य सेवा संस्थान के तत्वाधान मे महात्मा गांधी साहित्य सेवा मंच गांधी नगर के अध्यक्ष श्री डॉ गुलाब चंद पटेल कवि लेखक अनुवादक के द्वारा आयोजित रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर गुजराती भाषा मे कवि सम्मेलन में २५४ लोग ग्रुप में शामिल हुए थे। और करीबन १०१ गुजराती कवि ओ ने अपनी रचनाए प्रस्तुत की गयी, इस मे केलिफोर्निया और मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के सभी प्रदेशों से कवि जुड़े हुए थे, इस कार्यक्रम में सरस्वती वंदना मुंबई की चेतना चेतू द्वारा किया गया इस के बाद मे अतिथि पूर्व सांसद श्री रतिलाल वर्मा जी का सम्मान शब्दों रूपी पुष्पों से संस्था के अध्यक्ष श्री डॉ गुलाब चंद पटेल के द्वारा किया गया, और दूसरे अतिथि श्री शैलेश वाणिया अध्यक्ष श्री खम्भोंलज़ साहित्य सेवा संस्था का सन्मान भी शब्द रूपी पुष्प माला से किया गया। इस क...
वीर सैनिक
कविता

वीर सैनिक

डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.) ******************** सिर पर कफन बाँधकर निकलते वीर सैनिक होते हैं, देश के लिए जान कुर्बान करने वाले वीर सैनिक शाहिद होते हैं न मात-पिता न भाई-बहन को याद लाते हैं, तभी तो दुश्मन को वीर सैनिक लड़ पाते हैं, हर पल वीर सैनिक गीत राष्ट्र के गुनगुनाते है, देश रक्षा की चिंता उन्हें हर पल सताती है, पेर मे भारी बूट, कंधे पर बंदूक लगाते हैं, देख ले अगर दुश्मन से तो गोली चलाते हैं, दुश्मन देश जब मातृ भूमि पर हमला करते हैं, तब दुश्मन को वीर सैनिक मार गिराते है, सैनिक वीर के कारण देश हमारा सलामत है, नहीं तो देस में दुश्मन घुसकर कब्जा करते हैं, दुश्मन से लड़ते वीर सैनिक शहीद हो जाते हैं, जान अपनी कुर्बान कर परम वीर चक्र पाते हैं सैनिक शहीद की जब शरीर गांव में आती हे, तब पूरे गाँव शहर में शोक मग्न हो जाता है, वीर सैनिक को हम दिल से करते हैं सलाम, आप राष्ट्र प्रेम, तु...