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Tag: डॉ. राम रतन श्रीवास

दशकंधर
कविता

दशकंधर

डॉ. राम रतन श्रीवास बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ******************** प्रश्न खड़ा था दशकंधर पर, मान और अभिमान का। रक्ष संस्कृति शान से जिए, झुके न आत्म सम्मान का। आशुतोष का भक्त निराला, कालो के महाकाल का। शिव तांडव स्त्रोत सृजन , और वेदों के शृंगार का।। शीश चढ़ाया शिव शंभू को, और वरदान विजय का। रक्ष संस्कृति के मुक्ति को, श्री हरि से द्वेष का।। आत्मज्ञान द्वीज कुल भूषण, और रावण संहिता का। सागर की लहरों से खेले, युद्ध रण हर कौशल का।। अस्त्र शस्त्र से हुए सुसज्जित, वरदानों के भंडार का। दृढ़ संकल्पित हो जीवन में, संभव हर काम का।। गंगाधर को शीश उठाया, लै भुज स्कन्ध हाथों से। सिगिरिया के कनक महल, लै कुबेर के हाथों से।। तीन लोक चौदह भुवन, प्रबल प्रताप प्रकंपित से। एक छत्र अंबर सम हो, दशग्रीव के शासन से।। माना दंभी मैं रावण हूँ, सम्राज्य के विस्तार का। कौन नहीं चा...
देवों के महादेव
भजन

देवों के महादेव

डॉ. राम रतन श्रीवास बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ******************** शिव की भक्ति शिव की शक्ति, सावन का मास जो आया.....। देवों के महादेव को भक्तों ने बुलाया ...।। प्रथम वंदना गौरी नंदन, त्रिविध ताप हर पुष्प चढ़ाया....। देवों के महादेव को भक्तो ने बुलाया ...।। शिश जटा प्रभु चंद्र विराजे, हे भोलेनाथ भंडारी..... । देवों के महादेव को भक्तो ने बुलाया ...।। त्रिपुंड़ धारी गले शेष विराजे, त्रिशूल बाघांबर सोहै..... । देवों के महादेव को भक्तों ने बुलाया ...।। भक्तों पर सहज कृपा जो करते, आशुतोष कहलता .....। देवों के महादेव को भक्तों ने बुलाया ...।। "राधे" की विनती सुन लो हर, भक्तों की कष्ट मिटाओ हर हर.... । देवों के महादेव को भक्तों ने बुलाया ...।। ┈┉═❀❀═┉┈ परिचय :-  डॉ. राम रतन श्रीवास निवासी : बिलासपुर (छत्तीसगढ़) साहित्य क्षेत्र : कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत...
बांके बिहारी
स्तुति

बांके बिहारी

डॉ. राम रतन श्रीवास बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ******************** किंचित चिंतन चीते मन में प्रभु, राही को त्राहि हुए सब ग्रामा। भय क्लेश सबे दुनिया अरु, जन-जन आश तुम्ही हो श्यामा।। सीस शिखी उर-बाहु प्रलंब, कमल नैन, बंकिम दृग भौंहें। कर मुरली लकुटी धरी लाठी, ग्वाल बाल गौ सुन्दर सोंहैं।। मायापति के माया को न जाने, खरारी नित नव नाच नचावें। आन बसों "राधे" मन मंदिर, ग्वालिन यमुना तट बाट जोरावें।। राह खरो वहशी दरिंदा एक, गोपिन व्याकुल हुए परमात्मा। कहत "राधे" बांके बिहारी को नाम, त्राण मिटाओ वसुधा विश्वात्मा।। परिचय :-  डॉ. राम रतन श्रीवास निवासी : बिलासपुर (छत्तीसगढ़) साहित्य क्षेत्र : कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष सम्मान : कोरबा मितान सम्मान २०२१ (समाजिक चेतना एवं सद्भाव के क्षेत्र में) शिक्षा : हिन्दी साहित्य (स्नातकोत्तर) अतिरिक्त : रेल प...