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Tag: डॉ. विनोद वर्मा “आज़ाद”

दीपावली गिफ्ट
संस्मरण

दीपावली गिफ्ट

डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद"  देपालपुर ********************** हेमराज वर्मा की नई-नई शादी हुई थीमोहन नागर के मकान में किराए से रहते थे। स्टेट बैंक में कैशियर के पद पर कार्यरत वर्मा जी, सहज और सरल व्यक्ति होने के साथ मन के साफ और नेकदिल इंसान थे।पटलन बाई ने उनको भाई बनाया था। सन्ध्या समय पटलन बाई, मोहनदादा, भाभी, शोभा, डीपी वर्मा, हरीश, सुनील हम सब वर्मा जी के कमरे पर इकट्ठा हो जाया करते थे। खूब हंसी-मजाक होती थी, अक्सर मोहन दादा को हम टारगेट करते थे। उनके और भाभी के बीच अक्सर झड़प होती रहती थी लेकिन वह भी हास्य रूप में। मोहन दादा को मावा खाने का शौक था। वो जब भी नागर मिष्ठान से मावा खरीदकर लाते तो भाभी उन्हें हमारे इकट्ठा होने के बाद छेड़ देती कहती- "विनोद भैया ई झूठ बोली के मावो लाय ने बैठी के चट करि जाय, ने इनको बहानों कय की म्हारे दस्त लगी गया।" तो तमारे खाने से मना कुण करे, खाव पर बहाना क...
एक भावनात्मक पत्र
आलेख

एक भावनात्मक पत्र

डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद"  देपालपुर ********************** प्रियवर, आप और घर पर सब कैसे है? अपना और परिवार का ध्यान रखे। इस वैश्विक महामारी के दौर में घर मे ही रहे, सुरक्षित रहे। इस सदी में पहला ऐसा मौका आया है की घर-परिवार के बीच लम्बे अरसे तक साथ रह सके। अतः प्रतिदिन पकवान बनाएँ, नई-नई डिश, रेसिपी बनाकर, बनवाकर खाएं और प्रेम पूर्वक, आदर सम्मान के साथ खिलाएं, स्वास्थ्य रक्षकों, सफाई कामगारों, पुलिस प्रशासन आदि का सम्मान, सत्कार करें। यही हमारी आप सबकी सांस्कृतिक पहचान और पुरातन संस्कार है। कहावत है - १. धन तो हाथों का मेल है २. रुपया-पैसा तो नाचने - गाने वाले भी कमा लेते है। ३. भिक्षावृत्ति भी धन दिला देती है। क्यों कहा जाता है धन हाथों का मेल है? क्यों कहते है रुपया-पैसा तो नाचने गाने वाले भी कमा लेते है? क्यों कहा गया है - भीख मांगकर भी धन जोड़ा जा सकता है? जब हम स्नान करते है तब साबुन क...
अलविदा
कहानी

अलविदा

डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद"  देपालपुर ********************** आज उसके घर के बाहर भीड़ लगी थी, लोग तरह -तरह की बातें कर रहे थे। ७० साल के भगवानदास कह रहे थे, लालची है ये लोग, बेचारी को पति सुख की चाह थी पर इन लोगों के लिए तो वह सोने की मुर्गी थी, हर माह मोटी रकम उसे मिलती थी, बेचारी की इच्छाओं की किसी को भी परवाह नही थी। रोज-रोज फरमाइश, पर उसके विवाह की किसी को चिंता नही थी। पहले पति की प्रताड़ना का शिकार हो वह अपने वालों के बहकावे मे आकर तलाक ले चुकी थी। १० वर्ष हो चुके थे। दोबारा शादी के लिए इतने फजिते होंगे ये वो जानती तो शायद तलाक ही न लेती ! किराने वाली सुशीला मां कहने लगी, वो भी मुवा ठीक नही था री। किसी की बेटी को ले गया और छोड़ दी केवल काम करनेवाली व "सोने का अंडा देने वाली" बाई बनाकर। उसकी बचपन की सहेली जिसने ज्योत्स्ना के साथ अंतिम क्लास तक पढ़ाई की थी, बबली जो उसी की उम्र की थी कहने लगी, ...
कोरोना से जंग जीतेंगे
कविता, हायकू

कोरोना से जंग जीतेंगे

डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद"  देपालपुर ********************** मुझसे मित्र ने पूछा ? कैसे हो आप..? और क्या चल रहा है ? मैंने कहा बहुत बढ़िया खूब खाना आराम योग टी वी मोबाइल और फॉग सभी चल रहा है। बच्चों बेटे-बहुओं के बीच आराम, कोई टेंशन नही पूर्ण विश्राम। लॉक डाउन की बयार चल रही है, दरवाज़े बन्द है, और बहुएं केरम खेल रही है। खिड़की और दरवाज़े बन्द है, बेटों के मोबाइल की आवाज़ मन्द है। आज उपवास है चाय पी ली चिप्स पपीता खा लिया, चुकंदर का ज्यूस पा लिया, थोड़ा सा घूम लिया। सुबह और शाम ! आराम ही आराम। घर मे रहो सुरक्षित हो। विषाणु से युद्ध जीवन होगा शुद्ध अब याद आ रहे है बुद्ध। जान है तो जहां है कोरोना आज महान है। जंग हम ही जीतेंगे मोदी जी का फरमान है। परिचय :-  डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद" सहायक शिक्षक (शासकीय) शिक्षा - एम.फिल.,एम.ए. (हिंदी साहित्य), एल.एल.बी., बी.टी., वैद्य विशारद पीएचडी.  निवास - इंदौ...
मीडिया कितना कारगर
आलेख

मीडिया कितना कारगर

डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद"  देपालपुर ********************** कोलाहल भरे वातावरण में जहां दूरदर्शन और मोबाइल की वजह से परिवार में वार्ता लाप, दादा-दादी के किस्से और कहानियों के साथ अच्छे-बुरे की सीख और समझ से परे आज की नई पीढ़ी होती जा रही है। बच्चों के लिए तो विभिन्न प्रकार के खेल मोबाइल पर चल रहे है उसमे बच्चे रम रहे है। मोबा इल पर जानलेवा खेल खेलकर पूरे विश्व मे कई बच्चे आत्महत्या कर चुके है या अपराध की ओर उन्मुख हो गए। कई परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के बावजूद मोबाइल के लिए लड़के-लड़कियां लालायित रहते है। छोटे से लेकर बड़े बच्चों का मोबाइल आप बन्द नही करवा सकते, मोबाइल की मांग पूरी करना ही पड़ेगी ! आपका मोबाइल बच्चों को देना ही पड़ेगा ! नही तो बच्चे चिढ़-चिढ़े होकर अत्यधिक आक्रोश व्यक्त करने लगते है, खाना नही खाएंगे, आपका कोई काम नही करेंगे, समान उठा-उठाकर फेंकेंगे, यहां तक कि वे गुस्से ...
कवियों की क्लास
कविता

कवियों की क्लास

डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद"  देपालपुर ********************** शुरू हुई कवियों की क्लास, उसमे शिक्षक बना विश्वास। डॉ. आज़ाद ने मालवी रचना सुनाई, डीपी. ने करुण-श्रृंगार बनाई, गोवर्धन राही ने विरह रचाई, समद ने चुलबुलाहट पर नज़र दौड़ाई। हेम अकेला का भी मन ललचाया, हेमराज ने मधुर गीत गुनगुनाया, गोवर्धन मामा ने मामी पर गीत सुनाया, रमेश नागर ने ग़ज़ल का ज्ञान कराया। हरि सोलंकी ने भी डायरी सम्भाली, हर्षित होकर बगिया में नाचा माली, गोष्ठी में किसी ने गाई होली-दिवाली, किसी ने राखी के साथ छठ भी गा ली। मेघ ठुम्मक-ठुम्मक कर आएगा, स्नेह, प्रीत-प्यार का गीत लाएगा, हर कवि अपनी कलम पर मुस्कुराएगा, श्रोताओं-दर्शकों का मनोरंजन करवाएगा।   परिचय :-  डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद" सहायक शिक्षक (शासकीय) शिक्षा - एम.फिल.,एम.ए. (हिंदी साहित्य), एल.एल.बी., बी.टी., वैद्य विशारद पीएचडी.  निवास - इंदौर जिला मध्यप्रदे...
शिक्षक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह
आलेख

शिक्षक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह

डॉ. विनोद वर्मा "आज़ाद"  देपालपुर ********************** अनूठा, अकल्पनीय, अनुकरणीय, असीम सम्भावनाओं को जन्म देने वाला अनन्त विचारों को प्रकाश पुंज की तरह समेटने वाला आयोजन दिनांक २० दिसम्बर २०१९ को संध्या समय धनौरा जिला सिवनी के लिए इंदौर से मैं डॉ. विनोद वर्मा अपने ६ साथियों संजीव खत्री, तोलाराम तंवर, पवनसिंह नकुम, कैलाश परमार, माखनलाल परमार, अशोक राठौर के साथ कार से रवाना हुआ। दि.२१ को प्रातः काल पहुंचे। जहाँ विद्यालक्ष्य फाउंडेशन धनौरा के तत्वावधान में राष्ट्रस्तरीय शिक्षक संगोष्ठी और शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन होने जा रहा था। इस आयोजन में जिला कलेक्टर, अपर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत सिवनी के साथ शिक्षा विभाग का महकमा संयुक्त संचालक श्री तिवारी जी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री बघेल जी,जिले के सभी विकास खण्ड शिक्षाधिकारी,सभी खण्ड स्रोत समन्वयक ने अधिकांश समय अपनी उपस्थिति देकर इस आयो...