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आम वृक्ष
कविता

आम वृक्ष

देवकी दर्पण पाटन जिला बूंदी (राजस्थान) ******************** बहुत ही उपयोगी, होता है सघन खूब, दीर्घजीवी हितकारी, वृक्ष बड़ा आम है। भारत के दक्षिण में, कन्या कुमारी से यह, आगे तक फैला हुआ, आम का ही नाम है। उत्तर में हिमालय, की तराई तक यह, तीन हज्जार फुट का, ऊंचा आम धाम है। पश्चिम में पंजाब से, पूरब आसाम तक, भारत वनों में खूब, आम का ही काम है।।१।। अनुकूल जलवायु, साठ फुट तक ऊंचा, तरू शान से हो जाता, स्वाभिमान से खड़ा। छाया भरपूर होती, धूप को देता चुनोती, लकड़ी नरम सोती, तरु होता है बड़ा। होती है टिकाऊ काष्ठ, लेता काम पूरा राष्ट्र, चाय की पेकिंग पाष्ट, बक्सा बनाते कड़ा। आम वृक्ष का कमाल, गोन्द देती रहे छाल, भाई आम लगा पाल, मौज जिन्दगी उड़ा।।२।। गोन्द की बने दवाई, ओषधालयों को भाई, रोगियों को रास आई, आम वृक्ष मान है। पोधा जब चलता है, चार साल पलता है, फिर यह फलता है, भारत...
वट
धनाक्षरी

वट

देवकी दर्पण पाटन जिला बूंदी (राजस्थान) ******************** सदियों जीवित रहे, ऐसा मेरा लोक कहे, शीतल बयार बहे, वट तू लगा भाई। दीर्घायु अमरता का, है प्रतीक यह वट, गर्मी को उतारे झट, फट तू लगा भाई। ब्रह्मा विष्णु शिव जी का, मानते वट निवास, पूजा होती इसलिए, डट तू लगा भाई। साधक सौभाग्य पाता, समृद्धि आरोग्य लाता, सुख यहा मिलजाता, खट तू लगा भाई।।१।। मन चाही कामना में, महिला कलावां बांध, बरगद पूजती है, मन के विश्वास से। छाल फल दूध बीज, कीमती है हर चीज, रोगों का इलाज करे, पूरी मन आस से। कफ वात पित्त रोग, वट तरु कर सके, नाक कान बाल रोग, दूर वट खाश से। दांत रोग, टोंन्सिल व, खांसी जुकाम मिटते, बरगद दे दवाई, पूरी अपने पास से।।२।। खूनी बवासीर मिटे, अति प्यास रोग कटे, छींक जाए नहीं डटे, वट गुणवान है। गर्भ धारण में छाल, बीज मूत्र में कमाल, कटि दूध से निहाल, वट तरु शान है। ढ़ीला...