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Tag: नवनीत सेमवाल

मेरी माटी, मेरा देश
कविता

मेरी माटी, मेरा देश

नवनीत सेमवाल सरनौल बड़कोट, उत्तरकाशी, (उत्तराखंड) ******************** कश्मीर तेरी, कन्याकुमारी तेरी, उत्तर-दक्षिण सब है तेरा तिरंगा लहराऊं सबसे पहले होगा मांगलिक दिन जब तेरा।। स्वतंत्र यहां अभिव्यक्ति है, बाईस इसकी शैली हैं, स्वदेशी पवित्र है लहू तेरा, धारा विदेशी मैली है।। माटी है मेरी, देश है मेरा, अभिमान मेरा, गर्व मेरा, करते क्यों नहीं जयघोष तेरी विचार उनसे पूछता हमारा।। ध्वज संहिता सीखाती हमें, लहराओ चाहे, चाह जितनी, ढंग तुम्हारा बताए मान का, माटी के प्रति श्रद्धा कितनी।। स्वीकार सबकी पुकार है, ललकार किसी की स्वीकार्य नहीं, भारत का दामन उज्ज्वल हो? प्रश्न यही आज विचार्य है।। परिचय :-  नवनीत सेमवाल निवास : सरनौल बड़कोट, उत्तरकाशी, (उत्तराखंड) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविता...
रंगीला प्रयास
कविता

रंगीला प्रयास

नवनीत सेमवाल सरनौल बड़कोट, उत्तरकाशी, (उत्तराखंड) ******************** प्रिय! पाठक मेरी काव्यपुकार तेरा स्वागत करती बारम्बार अभ्यास हमारा, मुझे देता सीख प्रयास से विमुख माँगता भीख प्रयास कराए हासिल निपुणता आदत से ही काहिल बिगड़ता नियमित प्रयास सीखाता सीख प्रयास से विमुख माँगता भीख दृढ़ लगन से श्रम जो किया बनती नारी भी तो सिया शब्द ही तो है जो करता चीख प्रयास से विमुख माँगता भीख करत-करत लगातार अभ्यास जड़मत होत सुजान की आस कबीर भी दे गए अद्भुत सीख प्रयास से विमुख माँगता भीख प्रयास सफलता में अनुपम नाता बिन अभ्यास नहीं भाग्य विधाता नहीं आता कुछ तू करके सीख प्रयास से विमुख माँगता भीख परिचय :- नवनीत सेमवाल निवास : सरनौल बड़कोट, उत्तरकाशी, (उत्तराखंड) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कह...
अकादमिक आत्महत्या
कविता

अकादमिक आत्महत्या

नवनीत सेमवाल सरनौल बड़कोट, उत्तरकाशी, (उत्तराखंड) ******************** हे! अतिमानव नहीं समाधान आत्महत्या का तुम्हारा कदम सपना टूटे नहीं टूटना तुम मिलेगी काया बड़ा है भरम। विफल हो रहें कृतसंकल्प में सृजन करें अद्भुत आशा क्षणिकावेश में लिया जो निर्णय आलम कहेगा तुमको हताशा। आत्मघाती न समझे कुछ भी होती वेदना एक ही बार सुन परितापी हृतपीड़ा से परिजन मरते बारम्बार। सहानुभूति के तुम अभिलाषी मार्गी से पूछना हर एक बार पीछे छोड़ दो अतीतगत को सुखद बने जीवन का सार। यदि हो केंद्रित धीर अवस्था प्रदीप्त करेगा लक्ष्य तुम्हारा अन्तर्ज्वाला को बाधित रखना निजता में तू कुल का है तारा।। परिचय :-  नवनीत सेमवाल निवास : सरनौल बड़कोट, उत्तरकाशी, (उत्तराखंड) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, ...