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Tag: निज़ाम फतेहपुरी

सच्ची  कहो
ग़ज़ल

सच्ची कहो

निज़ाम फतेहपुरी मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** ग़ज़ल - २१२ २१२ २१२ २१२ अरकान- फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन बात सच्ची कहो पर अधूरी नहीं। लोग माने न माने ज़रूरी नहीं।। आज तुम हो जहाँ कल रहोगे वहाँ। जानकारी किसी को ये पूरी नहीं।। जिनको नफ़रत थी हमसे जुदा हो गए। दूर वो दूर हम फिर भी दूरी नहीं।। दोस्ती दिल से की दुश्मनी खुल के की। साफ दिल हूँ बगल में है छूरी नहीं।। मुँह पे कहता बुरे को बुरा ये निज़ाम। अपनी फितरत में है जी हज़ूरी नहीं।। . परिचय :- निज़ाम फतेहपुरी निवासी : मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) शपथ : मेरी कविताएँ और गजल पूर्णतः मौलिक, स्वरचित हैं आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहान...
दूर मुझसे न जा
ग़ज़ल

दूर मुझसे न जा

निज़ाम फतेहपुरी मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** ग़ज़ल - २१२ २१२ २१२ २१२ अरकान- फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन दूर मुझसे न जा वरना मर जाऊँगा। धीरे-धीरे सही मैं सुधर जाऊँगा।। बाद मरने के भी मैं रहूंगा तेरा। चर्चा होगी यही जिस डगर जाऊँगा।। मेरा दिल आईना है न तोड़ो इसे। गर ये टूटा तो फिर मैं बिखर जाऊँगा।। नाम मेरा भी है पर बुरा ही सही। कुछ न कुछ तो कभी अच्छा कर जाऊँगा।। मेरी फितरत में है लड़ना सच के लिए। तू डराएगा तो क्या मैं डर जाऊँगा।। झूठी दुनिया में दिल देखो लगता नहीं। छोड़ अब ये महल अपने घर जाऊँगा।। मौत सच है यहाँ बाकी धोका निज़ाम। सच ही कहना है कह के गुज़र जाऊँगा।। . परिचय :- निज़ाम फतेहपुरी निवासी : मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) शपथ : मेरी कविताएँ और गजल पूर्णतः मौलिक, स्वरचित हैं आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने...
मौत का जो ख़ौफ़
कविता

मौत का जो ख़ौफ़

निज़ाम फतेहपुरी मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** ग़ज़ल - २१२२ २१२२ २१२२ २१२ अरकान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन हर तरफ़ ये मौत का जो ख़ौफ़ है छाया यहाँ। ऐसा लगता है ख़ुदा नाराज़ है भाया यहाँ।। तेरा मुजरिम हूँ मगर अब माफ करदे ऐ ख़ुदा। ज़िंदगी में जीते जी धोका बहुत खाया यहाँ।। नाज़ था हमको बहुत विज्ञान पर अपने मगर। चाँद पर जाकर भी मरने से न बच पाया यहाँ।। कोई ऐसा है नहीं जो बच सके इस खेल से। मौत का सबको मज़ा चखना है जो आया यहाँ।। तेरा जो था छोड़ कर वो भी चला तुझको गया। रोता क्यों है अब तो खाली रह गई काया यहाँ।। जो नहीं डरते थे दुनिया मे किसी से भी कभी। आज अपना डर रहे वो देख कर साया यहाँ।। इस जहाँ का है निज़ाम आया है जो वो जाएगा। तेरा मेरा कुछ नहीं झूठी है सब माया यहाँ।। . परिचय :- निज़ाम फतेहपुरी निवासी : मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) शपथ : मेरी कव...
मेरी आरज़ू
ग़ज़ल

मेरी आरज़ू

निज़ाम फतेहपुरी मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** ११२१२ ११२१२ ११२१२ ११२१२ अरकान- मु-त-फ़ा-इ-लुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन   मेरी आरज़ू रही आरज़ू युँ ही उम्र सारी गुज़र गई। मैं कहाँ-कहाँ न गया दुआ मेरी बे-असर ही मगर गई।। की तमाम कोशिशें उम्र भर न बदल सका मैं नसीब को। गया मैं जिधर मेरे साथ ही मेरी बेबसी भी उधर गई।। चली गुलसिताँ में जो आँधियाँ तो कली-कली के नसीब थे। कोई गिर गई वहीं ख़ाक पर कोई मुस्कुरा के सँवर गई।। वो नज़र जरा सी जो ख़म हुई मैंने समझा नज़र-ए-करम हुई। मुझे क्या पता ये अदा थी उनकी जो दिल के पार उतर गई।। मेरे दर्द-ए-दिल की दवा नहीं मेरा ला-इलाज ये मर्ज है। मुझे देखकर मेरी मौत भी मेरे पास आने में डर गई।। ये तो अपना अपना नसीब है कोई दूर कोई करीब है। न मैं दूर हूँ न करीब हूँ युँ ही उम्र मेरी गुज़र गई।। ये खुशी निज़ाम कहाँ से कम कि हैं साथ अपने ...