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Tag: प्रतिभा दुबे “आशी”

हे राम मेरे
स्तुति

हे राम मेरे

प्रतिभा दुबे "आशी" ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ******************** हे राम मेरे तुम्हें धन्य कहूं, या तेरी भक्ति की प्रशंसा कहूं।। मैं नर हूं तुम नारायण हो, में दास हूं तुम हो प्रभु मेरे हे नाथ सकल संपदा सभी, हे भगवान तुम्हारे चरणों में।। जब जब नाम लेती हूं मैं प्रभु स्मरण तब करती हूं भक्ति में तेरे हैं सच्चा धन राम नाम का मनका जपती हूं।। है कठिन समय यदि जीवन में, तो सरल राम का नाम भी है क्यों तड़प उठाइए मानव मन हां जब जाना राम के धाम ही है।। परिचय :-  श्रीमती प्रतिभा दुबे "आशी" (स्वतंत्र लेखिका) निवासी : ग्वालियर (मध्य प्रदेश) उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छा...
मेरे श्री रामलला
भजन

मेरे श्री रामलला

प्रतिभा दुबे "आशी" ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ******************** चैत्र नवमी से पहले ही पौष मास में आ गया नव वर्ष कुछ यूं हमारा राम नाम की भक्ति बिना नहीं हम भक्तों का गुजारा।। मर्यादा में रहकर जीती, श्री राम ने अपनी पारी सत्य सनातन की जीत हुई है, अब सब भक्त बजावे ताली।। मेरे श्री राम अयोध्या धाम विराजे राम लला, सिया, लक्ष्मण हनुमान संग पधारे अयोध्या जगमग हुई है, रोशन जैसे दिवाली भारत सारा मिल कर यह उत्सव मनावे।। श्री राम जन्म भूमि पर, भक्त जन फूल पसारे राह देख रहे थे जैसे मिल इस अवसर का सारे, निमंत्रण तो नाम हैं बस इस तीरथ का ये कार्य यह निमंत्रण सबका है ये सारे भारत वासी जाने।। परिचय :-  श्रीमती प्रतिभा दुबे "आशी" (स्वतंत्र लेखिका) निवासी : ग्वालियर (मध्य प्रदेश) उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मे...
राम नाम की ज्योति
भजन

राम नाम की ज्योति

प्रतिभा दुबे "आशी" ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ******************** राम नाम की सहर्ष इस ज्योति को हृदय में जगाए रखना तुम ! आंगन को अपने सुंदर पुष्पों से मधुबन सा सजाए रखना तुम।। मर्यादा में रहकर सम्मान मिला हैं मेरे श्री राघव को ! प्राण प्रतिष्ठा फिर से होगी घर अयोध्या बनाएं रखना तुम।। राम लला के रूप में देखो राघव फिर से विराजेंगे, अयोध्या नगरी पावन होगी वे जन-जन के बीच पधारेंगे।। धन्य धन्य है वह मनुज बहुत जो अयोध्या में ही जन्म लिए, राम नाम के छांव में रहकर निर्धन भी जैसे धन्य धनवान हुए।। कई वर्षो तक संघर्ष चला है अपने ही अस्तित्व के लिए, राम नाम जिसने न जाना वह पापी अब दूर हुए।। देखो पुण्य प्रताप बहुत है राम नाम के जाप में सत्य सनातन जीत हुई है कलयुग के भी इस राज में।। धन्य धन्य वह कार सेवक है, जिन्होंने जान की बाजी लगा दी थी! भगवा पह...