गांधीगिरी
बिपिन कुमार चौधरी
कटिहार, (बिहार)
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सत्य अहिंसा का देकर नारा,
जीवन भर वह अटल रहे,
देश परदेश में सहा सितम,
कब कहां वो विकल रहे,
दुर्बल तन और निर्मल मन,
संघर्षपथ पर सदा अविरल रहे,
यातनाएं सही, पीड़ाएं झेला,
चरखा चला, मचाते हलचल रहे,
फिरंगियों के नाक में करके दम,
देश आजाद कराने में सफल रहे,
किया नहीं कभी पद की चाह,
जीवनभर वह सरल रहे,
सत्ता के हवसी लेकर उनका नाम,
दुर्भाग्य, हर पल जनता को छल रहे,
पूछता है, यह दुःसाहसी बिपिन,
सही में गांधीगिरी पर कौन चल रहे...
परिचय :- बिपिन बिपिन कुमार चौधरी (शिक्षक)
निवासी : कटिहार, बिहार
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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