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Tag: बृज गोयल

बदलते मूल्य
कहानी

बदलते मूल्य

बृज गोयल मवाना रोड, (मेरठ) ******************** १३ जनवरी की कड़कती सर्दी में रजाई पर कंबल डाल लिया, फिर भी पैर गर्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ‘सारा दिन मौजे में बंद रहने पर भी न जाने कैसे इतने ठंडे हो जाते हैं !’ अपनी गर्माहट समेटते-समेटते अचानक गुमटी की छत पर गोबर के उपले बनाती चमेली का ख्याल आ गया। दोपहर धूप की तलाश में मैं ऊपर छत पर गई तो सामने बैठी शांता उपले बना बनाकर यत्न से रख रही थी। उसकी साड़ी हवा में बुरी तरह उड़ रही थी। वह सिर ढकने का असफल प्रयास बार-बार कर रही थी। लेकिन ठंडी हवा उससे जिद्दी बच्चों जैसी ठिठौली कर उसकी साड़ी को पतंग बना लेना चाहती थी। बेचारी बेबस सी शांता ठंडी हवा के सामने खिसियानी सी बैठी, उपले बनाने में व्यस्त थी। मैंने उसे टोका- ‘कहो शांता ठंडी हवा का आनंद ले रही हो…?’ वह हल्के से हंसी, फिर उड़ती साड़ी का कौना मुंह में दबाकर उपले बनाने लगी। पिछले ...
मैं झील हूँ
कविता

मैं झील हूँ

बृज गोयल मवाना रोड, (मेरठ) ******************** मैं झील हूँ मैं बँधकर रहना नहीं चाहती मैं रास्ते बनाकर स्वतन्त्र बहना चाहती हूँ मैं खामोशियों से घबरा गई हूँ आगे बढ़कर इठलाना चाहती हूँ सागर तक जाकर लहरों में समाना चाहती हूँ मैं झील हूँ। परिचय :- बृज गोयल निवासी : राधा गार्डन, मवाना रोड, (मेरठ) घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३...
सात फेरों वाला आदमी
कहानी

सात फेरों वाला आदमी

बृज गोयल मवाना रोड, (मेरठ) ******************** मेरा बॉस के साथ जाने का टूर बन गया तो मैंने ध्रुव को बताया कि मैं पंकज कपूर के साथ सात दिनों के लिए शिमला जा रही हूं। सुनकर वह चौके और बोले- "वह तो बहुत बदनाम आदमी है, ना जाने कब से इस मौके की तलाश में होगा?" -"फिर बताओ मैं क्या करूं? सात दिन रात मुझे उसके साथ रहना होगा, तुम यह कैसे बर्दाश्त करोगे.." -"मैं भी साथ चलूँ?" -"तुम्हारा साथ जाना वह बर्दाश्त नहीं करेगा।" -"फिर कोई और हल सोचो इस समस्या से निपटने का.." -"बस एक ही उपाय सूझता है कि मैं रिजाइन कर दूं तुम्हारा इतना तो वेतन है कि घर आराम से चलता रहे, फिर जब मैं घर पर रहूंगी तो अन्य बहुत से खर्च भी कम हो जाएंगें।" मेरे इस प्रस्ताव को सुनकर ध्रुव स्तब्ध रह गए, उन्हें सीधे-सीधे १७०००/ का नुकसान होता दिखाई दिया। वह चुप रहकर कुछ सोचते रहे फिर बोले- "यह कोई हल नहीं है सर्विस क्या ...
हथेली पर उगा चांद
कहानी

हथेली पर उगा चांद

बृज गोयल मवाना रोड, (मेरठ) ******************** अभी मुनीम जी आकर बता गए हैं मांजी, ८ लाख में बाग का सौदा हो गया है। मधु ने मुझे सूचना दी। बहू अभी पिछले दिनों जो बाग बिका था, वह कितने में गया था? मांजी वह तो सस्ता ही हाथ से निकल गया था, सिर्फ ३ लाख में सौदा हो गया था, लेकिन मांजी जो बाग अगले साल के लिए तैयार हो रहे हैं, वह १५-२० लाख से कम देकर नहीं जाएंगे। -हां मधु वह जो काला जामुनी वाला बाग है उसके आमों के तो क्या कहने… खाओ तो बस खाते ही जाओ, भगवान की बड़ी मेहरबानी है कि सारे पेड़ एकदम मीठे हैं। मां बोलती चली जा रही थी, उन्हें यह भी ख्याल नहीं रहा कि अब वह अकेली बैठी हैं मधु जा चुकी है। नन्ही रमिया से बड़ी मांजी का सफर जैसे तैर कर उनकी आंखों में आ गया। जल्दी-जल्दी बड़े-बड़े डग रखती रमिया उड़कर कर अपने रघुआ के पास पहुंच जाना चाहती थी जहां झोपड़ी के बाहर बैठा नन्हा रघुआ बेसब्री से ...
पांच पांडवनी
कहानी

पांच पांडवनी

बृज गोयल मवाना रोड, (मेरठ) ******************** मई, जून की गर्मी से कुछ दिन बचने के लिए नैनीताल का प्रोग्राम बना लिया। सारी तैयारी करके चल दिए। हल्द्वानी पहुंचते ही राहत सी महसूस होने लगी थी। पर काठगोदाम आते ही दिल्ली की गर्मी बिल्कुल धुल गई थी। ठंडी हवा के झोंके गालों को थपथपाने लगे थे और गर्मी की वजह से कसकर बँधे बाल खुलकर लहराने को मचलने लगे थे। जगह-जगह भुट्टों की सोंधी गंध रुकने का संकेत कर रही थी। प्रकृति का अनुपम सौंदर्य चारों तरफ बिखरा पड़ा था। जिसे कैमरे में कैद करने के लिए मैं और प्रभात जगह-जगह रुकते हुए आगे बढ़ रहे थे। नैनीताल पहुंचते ही स्वर्ग जैसी अनुभूति होने लगी। हम जाकर शांत, निश्चल, नौकाएं सजी झील के किनारे बैठ गए.. जहां चारों तरफ पर्वत सर उठाए खड़े थे। उन पर काले बादल अठखेलियाँ करते से प्रतीत हो रहे थे। चारों तरफ भव्य होटल अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। स्नो व्यू जाने ...