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Tag: मीनाक्षी सिंह

इक तेरे भरोसे पे
पुस्तक समीक्षा

इक तेरे भरोसे पे

सुधीर श्रीवास्तव बड़गाँव, गोण्डा, (उत्तर प्रदेश) ******************** समीक्षक- सुधीर श्रीवास्तव सरल, सहज, मृदुभाषी, बहुमुखी व्यक्तित्व की धनी कवयित्री मीनाक्षी सिंह की 'इक तेरे भरोसे पे' के रूप में तीसरा संग्रह है। इसके पूर्व आपका 'बातें जो कही नहीं गई' और 'निर्मल उड़ान' ने उनकी साहित्यिक पहचान को काफी हद तक स्थापित कर दिया है। ऐसे में प्रस्तुत संग्रह के प्रकाशन के बाद उनकी रचनाओं पर चर्चा परिचर्चा होना स्वाभाविक ही है। हालांकि मैं उनकी प्रथम पुस्तक की समीक्षा करते हुए जो महसूस किया था, वह काफी हद तक सफल भी मान सकता हूँ। खेल, समाज सेवा और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच साहित्य में समर्पण उनका जुनून ही कहना उचित होगा। जो उनके व्यक्तित्व को और निखार ही रहा है। प्रस्तुत काव्य संग्रह के प्रथम खंड-भक्ति भाव में पुस्तक के नामकरण वाली पहली रचना है, जिसमें उनकी अनंत सत्ता में आस्था, विश्वास...