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आते जाते खू़बसूरत

राजेश गुप्ता तिबड़ी रोड, गुरदासपुर ******************** दिल्ली एक उस शरारती बच्चे-सी है जो कभी चैन से न बैठता है और न ही किसी को बैठने देता है। दिल्ली अपने वेग से ही चलती है और अपने वेग से ही उठती है, बैठती है, न कोई इसे थाम सका…
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चाय की चुस्की

राजेश गुप्ता तिबड़ी रोड, गुरदासपुर ******************** चाय के प्यालों की भाप ने सम्पूर्ण कमरे में एक अलग ही तरह का वातावरण निर्मित कर दिया है। कमरे के चारों तरफ मध्यवर्गीय चाय की महक आ रही है।दोस्तों की महफिल सजी है। “छोटे-छोटे शहरों में बसे लोगों की एक अजीब-सी दास्तान है, रहते तो ये छोटे…