धर्म का युद्ध
आयुषी दाधीच
भीलवाड़ा (राजस्थान)
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धरा पर स्वर्ग देखने चला था,
तुने वो क्या दृश्य दिखा दिया,
चंद पल खुशी के ढूंढने निकला था,
तुने तो गमो का बोझ बांध दिया।
तू भी इसी धरा का,
मैं भी इसी धरा का,
तुने धर्म के नाम पर,
मुझे कुचल ही डाला।
धर्म का युद्ध तुने रचा,
अपनो को हमने खोया,
हिन्दुस्तान के हिन्दु को,
धर्म के नाम पर तुने ललकारा है।
अब धर्म का युद्ध तु भी देखेगा,
मैं भी देखूगां,
तु भी इसी धरा का,
मैं भी इसी धरा का।
धरा पर स्वर्ग देखने चला था,
तुने वो क्या दृश्य दिखा दिया।
परिचय :- आयुषी दाधीच
शिक्षा : बी.एड, एम.ए. हिन्दी
निवास : भीलवाड़ा (राजस्थान)
उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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