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Tag: सुशी सक्सेना

मेरा अटल मन
कविता

मेरा अटल मन

सुशी सक्सेना इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************** एक दिन अचानक जब घर से निकले थे न मंजिलों का पता था, न रास्ता मालूम न कोई साथी सहारा था, न कोई साधन साथ था तो बस, मेरा अटल मन। कदमों से उम्मीदें, खुद में आत्मविश्वास था दूर दूर तक देखा मैंने, कोई भी न पास था। हर तरफ छाया हुआ था, बस अंधेरा सघन साथ था तो बस, मेरा अटल मन। फिर, मुझे कागज़ कलम का सहारा मिल गया शब्दों के पुल बांधने लगी और रास्ता मिल गया मिल गई वो मंजिल, जिसकी थी मुझे लगन साथ था तो बस, मेरा अटल मन। परिचय :- सुशी सक्सेना निवासी : इंदौर (मध्यप्रदेश) इंदौर (मध्यप्रदेश) निवासी सुशी सक्सेना वर्तमान में, वेबसाइट द इंडियन आयरस और पोगोसो ऐप के लिए कंटेंट राइटर और ब्लॉग राइटर के रूप में काम करती हैं। आपकी कविताएं और लेख विभिन्न पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। आपने कई संकलनों में भी ...
दर्द बहुत हैं जिंदगी की राह में
कविता

दर्द बहुत हैं जिंदगी की राह में

सुशी सक्सेना इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************** साहिब, दर्द बहुत हैं, जिंदगी की राह में। हंस के सह लूं मगर, जीने की चाह में। उम्मीदों पर क़ायम है, अरमानों की नांव, खौफ नहीं तुफानों का, अब मेरी निगाह में। जिंदगी का सच तो बहुत खूबसूरत है, मगर कांटे समेट लिए हमने, फूलों की परवाह में। परिचय :- सुशी सक्सेना निवासी : इंदौर (मध्यप्रदेश) इंदौर (मध्यप्रदेश) निवासी सुशी सक्सेना वर्तमान में, वेबसाइट द इंडियन आयरस और पोगोसो ऐप के लिए कंटेंट राइटर और ब्लॉग राइटर के रूप में काम करती हैं। आपकी कविताएं और लेख विभिन्न पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। आपने कई संकलनों में भी योगदान दिया है एवं कई प्रशंसा पत्र और पुरस्कार प्राप्त किए हैं। विशेष रूप से, आपको अनुराग्यम द्वारा गोल्ड मेडल एवं वंदे मातरम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आपकी कई पुस्तकें प्रक...
सुशी सक्सेना की पुस्तकों पर चर्चा कार्यक्रम
साहित्य समाचार

सुशी सक्सेना की पुस्तकों पर चर्चा कार्यक्रम

इंदौर। बीती रात्रि ९ बजे किताबों की दुनिया में सुशी सक्सेना की पुस्तकों पर चर्चा कार्यक्रम का सफलता पूर्वक आयोजन संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम श्रीराम सेवा साहित्य संस्थान भारत के मंच पर किया गया। इस कार्यक्रम में लेखिका सुशी सक्सेना और संस्थापिका दिव्यांजली वर्मा मौजूद थे। इस अवसर पर साहित्य, कला और संस्कृति जगत से जुड़े अनेक विद्वान, लेखक और पाठक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान सुशी सक्सेना की पुस्तकों पर चर्चा की गई जो कि साहित्य, विज्ञान और राजनीतिक विषयों पर आधारित हैं। सुशी सक्सेना की रचनाओं में नारी जीवन, सामाजिक यथार्थ, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मानवीय संवेदनाओं के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा हुई। उनकी लेखनी सरल भाषा में गहरी बात कहने की क्षमता रखती है, जो हर वर्ग के पाठक से सीधा संवाद करती है। कार्यक्रम के दौरान लेखिका ने अपनी लोकप्रिय पुस्तकों के अंशों का वाचन किया गया और कुछ कवित...
लफ़्ज़ों के पत्थर
कविता

लफ़्ज़ों के पत्थर

सुशी सक्सेना इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************** लफ़्ज़ों के पत्थर फेंकना बड़ा आसान होता है। इंसान को दर्द देने वाला भी, इक इंसान होता है। लाख बरसती हों, रहमत धन दौलत की मगर, जहां खुशियां नहीं, वो घर भी शमशान होता है। परिचय :- सुशी सक्सेना निवासी : इंदौर (मध्यप्रदेश) इंदौर (मध्यप्रदेश) निवासी सुशी सक्सेना वर्तमान में, वेबसाइट द इंडियन आयरस और पोगोसो ऐप के लिए कंटेंट राइटर और ब्लॉग राइटर के रूप में काम करती हैं। आपकी कविताएं और लेख विभिन्न पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। आपने कई संकलनों में भी योगदान दिया है एवं कई प्रशंसा पत्र और पुरस्कार प्राप्त किए हैं। विशेष रूप से, आपको अनुराग्यम द्वारा गोल्ड मेडल एवं वंदे मातरम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आपकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधि...
सबसे खास दिन
कविता

सबसे खास दिन

सुशी सक्सेना इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************** सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए, जब तुमसे मुलाकात हुई थी और तुमने मुझे अपना कह कर पुकारा था पहली बार दिल की बात हुई थी। मगर गुजर गए वो लम्हें और पराएपन का अहसास दिला दिया। गुजरे हुए लम्हे वापिस नहीं आते मगर वो दिन हमेशा के लिए ऐ साहिब, मेरे दिल में बस गए सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए जब तुमने इस बात का अहसास दिलाया की मैं बहुत खूबसूरत और हुनरमंद हूं और मुझे सिखाया प्यार का मतलब इस दिल में जगाया जो प्यार वो झूठा भी नहीं है और सच्चा भी नहीं लगता एक अधूरा ख्वाब था, हकीकत न बन सका सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए जब तुमने, मुझे लाल गुलाब दिया था तेरी यादों की ख़ुशबू को आज भी मैंने सहज कर रखा है इनकी पंखुड़ियों में ये बात और है कि वो गुलाब सूख गए। सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए जब तुमने मुझे अपना फेवरेट कहा था ...