Thursday, May 9राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

वो प्यारी सी मुस्कान लिए

स्वप्निल जैन
छिन्दवाड़ा (मध्य प्रदेश)
********************

दीवाली के कुछ दिन बाद की बात है, मैं अपनी दुकान पर बैठा था, तभी कुछ ९-१० साल की उम्र के आस-पास की वो प्यारी सी मुस्कान लिए दिल में कुछ अरमान लिए हाथों में सिर्फ हां सिर्फ दो गुब्बारे लिए मेरे पास आई।
मैंने पूछा हां बेटा बोलो, वो बिटिया बोली भैया मेरे गुब्बारे खरीद लो, मुझे जरूरत नही थी बलून की पर वो मासूम सी बच्ची निरास स्वर में उम्मीदों से बोली थी, उस समय तो मै सोच में पड़ गया कि इस बच्ची को क्या कहूँ।
फिर आखिर मैंने उससे पूछ ही लिया बेटा क्या आप पढ़ाई भी करते हो, वो बोली नहीं मुझे खाने के लिये गुब्बारे बेचने जाना होता है, उस मासूम की इतनी बातें सुनते ही मेरा हृदय पसीज सा गया मैंने एक पल भी देर ना कि और उस बच्ची के दोनों गुब्बारे खरीद लिये, उसका चेहरा मंद-मंद खिल सा गया।
वो प्यारी सी मुस्कान लिए कुछ बोली, भैया यदि आपके पास दीवाली के कुछ पटाखे बचे हो तो मुझे दीजियेगा, मैंने पूछा बेटा क्या तुमने दीवाली नही मनायी।
वो बोली नही भैया हमारे पास पैसे नही थे, मेरे पैरों के नीचे मानो जमीन ही खिसक गई थी और मन मे कई सवाल कौंध रहे थे जहां लोग हजारों रुपये के पटाखे जला देते है वहां कोई ऐसा भी है जो दीवाली ही नही मना पाता।
मैंने उस मासूम बेटी से कहा, बेटा ये लो कुछ रुपये रखो आप और इससे जो चाहो ले लेना, वो मासूम बहुत समझदार और स्वाभिमानी थी बोली भैया नही मैं किसी से पैसे नही लेती, मेरे दिल को उस मासूम की स्वाभिमान से भरी ये बात छू गई, २ मिनट तो मैं शांत रहा फिर बोला, मैंने कहा बेटा भैया कहती हो भाई ने दिया समझ कर ही रखलो।
उसे तब इन बातों से खुशी मिली इसने रुपये लिए और वो दिल से धन्यवाद दी, मेरा हृदय भी उसकी सहायता करके प्रफुल्लित हो उठा।
उसकी बातें, नन्ही उम्र में स्वाभिमान और उसकी समझदारी और वो प्यारी सी मुस्कान लिए बेटी मुझे हमेशा याद आती है।

परिचय :- स्वप्निल जैन
निवासी : छिन्दवाड़ा (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *