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रक्षाबंधन

हितेंद्र कुमार वैष्णव
सांडिया, पाली (राजस्थान)
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सबके अधरों पर प्यारी सी मुस्कान लाया
भाई बहन का त्यौहार “रक्षाबंधन” आया

होता मन हर्षित “रक्षाबंधन” पर
जब बहन आती हैं हमारे घर

यह शुभदिवस हैं “रक्षाबंधन” का
“रक्षाबंधन” नहीं त्यौहार मात्र धागों का

“रक्षाबंधन” हैं कर्म, रक्षा और वचन का
“रक्षाबंधन” हैं प्रतीक अटूट और निश्छल प्रेम का

निस्वार्थ प्रेम का पाठ “रक्षाबंधन” सिखाता है।
करनी सबको बहनो की रक्षा यह हमे बताता है।

रक्षासूत्र बांधकर भाई की कलाई पर
कहती भाई रक्षा करना मेरी ज़िंदगी भर

वचन और अनमोल उपहार मिलते भाई से
बहन शुभकामना करती निस्वार्थ भाव से

परिचय :- हितेंद्र कुमार वैष्णव
शिक्षा : बी.ए
सम्प्रति : एसईओ, इंटरनेट मार्केटिंग मैनेजर
निवासी : ग्राम – सांडिया, जिला : पाली (राजस्थान)
विधा : कविता सर्जन
शपथ : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना पूर्णतः मौलिक, स्वरचित और अप्रकाशित हैं।


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