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श्री गणेश स्तुति

राम रतन श्रीवास
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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गौरी नंदन शंकर सुत,
हे गजानन महराज।
देव संग आन पधारो,
पूरन कर दो काज।।

हे गणेश महराज, जय-जय गणेश महराज..

प्रथम पुज्य हो गणपति,
लंबोदर महराज।
मूषक वाहन चढ़ा करें,
हे मंगलमूर्ति काज।।

हे गणेश महराज, जय-जय गणेश महराज..

एकदंत हे भालचंद्र,
हे सिद्धि विनायक नाथ।
वक्रतुंड मृत्युंजय,
नमस्तुते हे नाथ।।

हे गणेश महराज, जय-जय गणेश महराज..

पीतांबर भूषण सजे,
मोदक लगे हैं प्यार।
हे बुद्धिनाथ कृपा करें,
भक्तों पर हर बार।।

हे गणेश महराज, जय-जय गणेश महराज..

हे विघ्नराज संकट हरन,
चतुर्भुज गणराज।
वरद विनायक वर दे,
मनवांछित फल आज।।

हे गणेश महराज, जय-जय गणेश महराज..

परिचय :-  राम रतन श्रीवास
निवासी : बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
साहित्य क्षेत्र : कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष
सम्मान : कोरबा मितान सम्मान २०२१ (समाजिक चेतना एवं सद्भाव के क्षेत्र में)
शिक्षा : हिन्दी साहित्य (स्नातकोत्तर)
अतिरिक्त : रेल परिवहन एवं प्रबंधन में डिप्लोमा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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