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“सिरतोन म संस्कार नंदा जाही का”

खुमान सिंह भाट
रमतरा, बालोद, (छत्तीसगढ़)
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छत्तीसगढ़ी

बिटिया रानी महतारी ले कहिथे
दाई तै तो बड भागी हो गेस वो
अपन जिगर के टुकड़ा ल दुरिहा डारें,
तोर मया मोर बर थोरकुन नई पल पलईस
सुने हव महतारी बर लईका मन
आंखी के तारा होथे
फेर देखत हव मैय तो नामे हव
मोर संजोए सपना म पानी फेर दे
बड दिन ले मोरों एक ठन आस रीहिस
सुने हव महतारी मन
लईका ऊपर कोनो आंच नई आवन दे
फेर ये कईसन टाईप ले लापरवाही ?
महु ल तो घालो एक बार
अपन छाति ले ओधा लेतेस,
अऊ खंधेडीं म बिठाके
धुमा लैय आतेस वो
दुरूग अऊ भिलाई फेर नई …!
तहु ह दुनिया बर एक झन
मिसाल बन गे वो
अपने लईका के मुंह म पेरा गोंजे
अऊ आनी-बानी के जिनिस
चबरहा कुकर ल खावाए
देखेव तोर मया ल
मोर मन कलप जथे वो
सिरतोन म घर अऊ परिवार दुरिहाय
खातिर तैय तो बड़े जन उदिम निकाल डरें …

परिचय :- खुमान सिंह भाट
पिता : श्री पुनित राम भाट
निवासी : ग्राम- रमतरा, जिला- बालोद, (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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