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आयुर्वेदिक दोहे

ऋषिता मसानिया
आगर  मालवा (मध्य प्रदेश)
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थोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग।
अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग।।

अजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय।
मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय।।

ऐलोवेरा-आँवला, करे खून की वृद्धि।
उदर व्याधियाँ दूर हों, जीवन में हो सिद्धि।।

दस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ।
दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ।।

मुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल।
बने सुगन्धित मुख, महक, दूर होय तत्काल।।

कंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट।
घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट।।

बीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग।
सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग।।

बीस मिली रस आँवला, हल्दी हो एक ग्राम।
सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम।।

नीबू बेसन जल शहद, मिश्रित लेप लगाय।
चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय।।

मधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय।
कंठ सुरीला साथ में, वाणी मधुरिम होय।।

पीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज।
नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो जोय।।

कफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय‌
अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय।।

अजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम।
कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम।।

छाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग।
जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग।।

परिचय :- ऋषिता मसानिया
निवासी : आगर मालवा (मध्य प्रदेश)

घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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