Thursday, December 4राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

छोटू

डॉ. भगवान सहाय मीना
जयपुर, (राजस्थान)
********************

छोटू चाय लाना..!!
यह कितनी सामान्य सी पुकार है।
थडी, ढाबा, कैफे, रेस्टोरेंट, बस, ट्रेन आदि,
सब जगह मौजूद है छोटू।
गंदी मैली सी धारीदार कमीज,
मोटे धागे से सिली हुई फटी पेंट
काली हवाई चप्पल पहने हुए।
सिर के रुखे उलझे बिखरे बाल,
मुख मलिन आंखों में चमक लिए।
सूरज की पहली किरण के साथ
दौड पडता है छोटू दूर तक,
चाय गर्म, समोसे गर्म लिए।
सरकार, मैं और आप नहीं जानते
उसका छोटू बनने का कारण ?
बनी होगी चक्र व्यूह सी
कठोर विपरीत परिस्थितियाँ।
मजबूरी ही बनाती हर बालक को
अभिमन्यु और छोटू।
जहां लडता है वह योद्धा बन,
घर परिवार जीवन बचाने के लिए।
वो अपना अजीज खोकर
आया होगा यहां छोटू बनने।
मां, बाबूजी या दोनों को ही,
जिंदगी की अनाथ पगडंडियों पर।
आती होगी याद उसे अपनों की,
सिसकियाँ भरता होगा अकेले में।
थक हारकर जब देर रात,
टूटी रस्सी की पलंग पर निढाल
एक चादर में लिपटा गहरी नींद से।
चांदनी में उसके मुख मंडल पर,
कितना सुकुन झलक रहा है,
बुद्ध सा सब दु:खों से परे।
खेलने पढने की उम्र में
थाम लिया चाय की केतली को,
और हो गया सयाना हमजोलियों से।
सीख गया तजुर्बे समय के थपेड़ों से।
कर लेता है चर्चा अपनी उम्र से बड़ी,
जानता है ‘आज नगद कल उधार’ का मतलब।
बढाकर बताता है लोगों को उम्र अपनी,
खड़ा होकर ‘बालश्रम अपराध है’ की तख्ती के पास।

परिचय :- डॉ. भगवान सहाय मीना (वरिष्ठ अध्यापक राजस्थान सरकार)
निवासी : बाड़ा पदम पुरा, जयपुर, राजस्थान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *