Thursday, December 4राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मन

संजय वर्मा “दॄष्टि”
मनावर (धार)
********************

अपनी आँखों से
काजल उतार कर
मेरे माथे पर
टीका लगाती।

मेरे होंठों पर लगे दूध को
अपने आँचल से पोछती
होठों से प्यार की चुम्बन
देती माथे पर
शुभाशीष की तरह।

फिर भी माँ के मन मे
नजर ना लग जाए कहीं
भय समय रहता।

भले ही माँ भूखी हो
मुझे आई तृप्ति की डकार से
माँ संतुष्ट हो जाती।

आईने में
संवारने लगी हूँ खुद को
क्योकि मे बड़ी जो हो गई।

पिया के घर
माँ की दी हुई पेटी
जब खोलकर देखती हूँ
उसमे रखे मेरे
बचपन के अरमान
जिसे संजो के रखे थे
मेने गुड्डे -गुडिया
कनेर के पांचे और खाना
बनाने के खिलौने।

इन्हें पाकर मन संतुष्ट
लेकिन आँखे नम
आज माँ नहीं है
इस दुनिया मे।

अपनी बेटी के लिए
आज वही दोहरा रही हूँ
जो सीखा-संभाला था
अपनी माँ से मैने कभी।

परिचयसंजय वर्मा “दॄष्टि”
पिता : श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि : २ मई १९६२ (उज्जैन)

शिक्षा : आय टी आय
निवासी : मनावर, धार (मध्य प्रदेश)
व्यवसाय : ड़ी एम (जल संसाधन विभाग)
प्रकाशन : देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक”, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा “संकल्प शिरोमणि राष्ट्रीय सम्मान २०२३” से सम्मानित, भारत की और से सम्मान – २०१५, अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता : शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच इंदौर (म.प्र.)
काव्य पाठ : काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *