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शब्द

राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
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वो शब्द ही है जो
जोड़ता है दिलों को
और एक झटके में
किसी को भी करा
देता निःशब्द,
नन्हे बच्चों को
शब्दों का ज्ञान कराते हैं,
जब वह बोलने लगता है
जबरन चुप कराते हैं,
शब्द हृदयस्पर्शी भी
हो सकता है और
शूलों से भरा भी
हो सकता है,
यदि संभाल कर न
उपयोग किया जाए
सारे किये कराये
को धो सकता है,
किसी के व्यक्तिगत
व्यवहार को
उनके प्रयुक्त किये गए
शब्दों से आंकते हैं,
इसी से उनके हृदय की
गहराई नापते हैं,
यही है जो देश दुनिया
से रूबरू कराता है,
वैश्विक परिदृश्य
बेझिझक बताता है,
शब्दों के आदान प्रदान से
नये नये भौगोलिक
रिश्तों का प्रवाह आया है,
रिश्तों का बराबर
निबाह आया है,
कोई चालाक मीठे
बोल प्रधान बनते हैं,
नासमझी में उलझे
भीड़ के हुक्मरान बनते हैं,
सबको पता है इस जहां में
आना और जाना है,
कोई सदियों याद
रह जाता है तो
कोई बन जाता
असंवेदनशीलता
का खजाना है,
हां भई सब शब्दों
का ही ताना बाना है।

परिचय :-  राजेन्द्र लाहिरी
निवासी : पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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