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किस-किस से नफरत करोगे …?

राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
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दो चार महिलाओं ने
उठा क्या लिया गलत कदम,
पुरुषत्व सोच में रंगा
क्यों निकल रहा तुम्हारा दम,
स्त्रियों पर होते आए अत्याचार
क्यों नहीं देख पाती तुम्हारी आंखें,
अपने किये गये वीभत्स गुनाहों पर
बताते क्यों नहीं दो चार बातें,
नारी के प्रति तुम्हारी सोच
आज हो चुका निम्न स्तर का,
उसे सिर्फ सजावट क्यों
समझ रहे हो बिस्तर का,
बताओ अपनी मां, बहन, बेटी से
आज तक कितनी नफरत की है,
क्या किसी ने थोड़े से
भावनात्मक लगाव नहीं दी है,
तुम्हारे स्तरहीन सोच खुद ही
बोल रहे हैं सोच सोच कर,
कितने अबलाओं की अस्मत
लूट चुके हो नोच-नोच कर,
अपने इस गिरी हुई सोच से
नहीं बन पाओगे विद्वान,
मनीषी या योगी,
तुम खुद ही खुद को
साबित कर रहे हो
भयंकर मानसिक रोगी।

परिचय :-  राजेन्द्र लाहिरी
निवासी : पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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